RANCHI झारखंड का सबसे पुराना और प्रीमियर रांची कॉलेज अब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी बनेगा। यह राज्य की पहली एकल यूनिवर्सिटी होगी। दशहरा के पहले यह यूनिवर्सिटी के रुप में आकार ले लेगा। यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव पहले ही गजट से प्रकाशित हो चुका है। इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। एकेडमिक इयर 2018-19 से इसका पहला बैच शुरु होगा। यूनिवर्सिटी बनते ही रांची कॉलेज के स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हो जायेंगे। रांची कॉलेज में इस समय लगभग 9000 स्टूडेंट यूजी और पीजी में अध्ययनरत हैं। यहां 20 परंपरागत और 13 वोकेशनल कोर्स संचालित किये जाते हैं। यहां बीएड की भी पढ़ाई होती है जो एक सेल्फ फाइनेंस कोर्स है। यूनिवर्सिटी में तब्दील होते ही यहां के शिक्षक यूनिवर्सिटी टीचर कहलायेंगे। यहां डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के तहत बीएड कोर्स का संचालन वर्ष 2004 से हो रहा है। वहीं एलएलएम कोर्स का संचालन वर्ष 2005 से हो रहा है।

अपनी डिग्री देगी यूनिवर्सिटी

रांची कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसके त्रिपाठी ने बताया कि कॉलेज से यूनिवर्सिटी में तब्दील होते ही इसे अपनी डिग्री देने का अधिकार मिल जायेगा। इसकी परीक्षा प्रणाली ऑटोनोमस होगी और यह अपना माइग्रेशन और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देगा। अभी डिग्री रांची यूनिवर्सिटी देती है। रांची कॉलेज अपना माइग्रेशन और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तो देता है पर यूनिवर्सिटी से भी स्टूडेंट को लेना पड़ता है।

अधीन में नहीं कोई और कॉलेज

इसके अलावा यूनिवर्सिटी होने पर इसे अपना पाठयक्रम रांची यूनिवर्सिटी के एकेडमिक कौंसिल से पास कराने की बाध्यता भी नहीं होगी। इसके पास वित्तीय अधिकार भी होंगे। अभी वित्तीय अधिकार रांची यूनिवर्सिटी के पास हैं। यूनिवर्सिटी के पास प्रशासनिक और प्रशासनिक सुधार के अधिकार होंगे। एकल यूनिवर्सिटी होने के कारण इसके अंतर्गत कोई दूसरा कॉलेज नहीं होगा।

110 एकड़ जमीन है कॉलेज के नाम

रांची कॉलेज के नाम से 110 एकड़ जमीन है। इसमें डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 55 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। इसमें से पचास प्रतिशत यानि 27.5 करोड़ की राशि रांची कॉलेज को आवंटित की जा चुकी है। कॉलेज ने भवन निर्माण की राशि बिल्डिंग कॉरपोरेशन को दे दी है।

1946 से डिग्री की हो रही पढ़ाई

रांची कॉलेज की स्थापना वर्ष 1926 में हुई थी। उस समय सिर्फ इंटर की पढ़ाई होती थी। वर्ष 1946 से यहां डिग्री की पढ़ाई होनी लगी। इसमें लगभग 9000 स्टूडेंट पढ़ते हैं। इसे यूजीसी से ऑटोनोमस का दर्जा प्राप्त है।

फैक्ट एंड फिगर

- 1926

में कॉलेज की स्थापना हुई थी

- 110

एकड़ जमीन है कॉलेज के नाम

- 9000

स्टूडेंट पढ़ते हैं रांची कॉलेज में

- 20

परंपरागत और 13 वोकेशनल कोर्स संचालित होते हैं यहां

- 84

टीचर, 27 थर्ड ग्रेड और 42 फोर्थ ग्रेड कर्मी हैं कार्यरत

- 55

करोड़ आवंटित हो चुके हैं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए

Posted By: Inextlive