RANCHI:राज्य के डिप्लोमा कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के हाथ में शहर की साफ-सफाई व्यवस्था और खासतौर पर नालियों का मेंटेनेंस रहेगा। शहर की नालियों की दयनीय स्थिति सुधारने के लिए रांची नगर निगम पॉलीटेक्निक के स्टूडेंट्स की मदद लेगा। ये स्टूडेंट्स 53 वाडरें में जाकर नालियों के वास्तविक हालात का सर्वे करेंगे। रिपोर्ट तैयार करेंगे कि कहां-कहां नालियां अधूरी हैं। उनका मिलान बड़े नाले से हो रहा है या नहीं। नाले से पानी निकलकर आगे बह रहा या नहीं। अगर नाली जाम है तो उसका कारण क्या है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही निगम के इंजीनियर नालियों की जांच करेंगे। जहां जरूरत होगी, वहां नालियों को निगम ठीक कराएगा। सर्वे करने वाले स्टूडेंट्स को निगम प्रमाण पत्र के साथ भुगतान भी करेगा।

नाली निर्माण में लापरवाही

शहर के सभी प्रमुख सड़कों के किनारे करोड़ों रुपए की लागत से ढकी नाली नगर निगम की ओर से बनाई गई। लेकिन अधिकतर नालियां सड़क से ऊंची होने के कारण बारिश का पानी इसमें नहीं जा पाता है। सड़क पर ओवरफ्लो होने के बाद ही कहीं-कहीं पानी नाली में जाता है। दूसरी ओर विभिन्न वाडरें में नाली निर्माण के नाम पर सिर्फ पैसों की बर्बादी हुई है।

एक-दूसरे से नालियां कनेक्ट नहीं

किसी भी वार्ड में ऐसी नाली नहीं बनाई गई, जो एक-दूसरे से कनेक्ट करती हों। घरों के सामने से गुजरने वाली नालियों से घर की ड्रेनेज लाइन को कनेक्ट ही नहीं किया गया है। इस कारण नाली निर्माण का भी लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है, जबकि निर्माण के नाम पर ठेकेदारों की ही कमाई हुई है।

कई मोहल्ले बिना नालियों के

सिटी के दर्जनों नए मोहल्लों में नालियों की कोई व्यवस्था नहीं है। राजधानी बनने के बाद रांची की आबादी बेतरतीब ढंग से बढ़ी है। बिना नगर निगम की योजना के दर्जनों नए मोहल्ले जैसे-तैसे बस गए। लोगों ने सड़क के लिए जमीन तो छोड़ी, लेकिन नाले के लिए नहीं सोचा। नगर निगम ने भी नक्शा पास करने समय इस बात पर विशेष ध्यान नहीं दिया कि नालियों की निकासी कैसे होगी।

वर्जन

बिना योजना की बनी नालियों से वाटरलॉगिंग का संकट हर साल होता है। इस पहल से नालियों को निगम व्यवस्थित करेगा। निगम को शहर के नालियों की स्पष्ट जानकारी हासिल हो पाएगी।

-गिरजा शंकर प्रसाद, एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर, रांची

Posted By: Inextlive