ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सोमवार को ओडिशा में परीक्षण हुआ। पलक झपकते दुश्मन पर वार करने वाली इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल परीक्षण सफल रहा।


नई दिल्ली (एएनआई)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण सोमवार सुबह किया गया। ओडिशा के तट से 290 किलोमीटर स्ट्राइक रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण सफल रहा। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल हैब्रह्मोस मिसाइल का निशाना अचूक है। यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह विभिन्न भूमिकाओं और विभिन्न संस्करणों में सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं द्वारा प्रयोगकी जाती है। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के बीच एक ज्वाॅइंट वेंचर है। डीआरडीओ ने इसे ज्वाइंट वेंचर के तौर पर ही डेवलप किया है।छोटे लक्ष्यों को सटीक तरीके से भेदने में सक्षम


क्रूज मिसाइलें कम ऊंचाई पर उड़ती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्हें एक कंप्यूटर के जरिए गाइड करके लक्ष्य पर निशाना लगाया जा सकता है।ब्रह्मोस घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्यों को सटीकता से भेदने में सक्षम है। मिसाइल 8.4 मीटर लम्बी तथा 0.6 मीटर चौड़ी है। इसका वजन 3 हजार किलोग्राम है।  मिसाइल कहीं से भी आसानी से छोड़ी जा सकती

सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल आवाज की गति से भी 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखती है।  इसके किसी भी दिशा में लक्ष्य की तरफ छोड़ा जा सकता है। जमीनी लक्ष्य को 10 मीटर की ऊंचाई तक से भेदने वाली ये मिसाइल पानी के जहाज, हवाई जहाज, जमीन एवं मोबाइल लंचर से भी आसानी से छोड़ी जा सकती है।

Posted By: Shweta Mishra