- 40 प्रतिशत आबादी को नहीं मिल रहा पानी

- टोटल सप्लाई का 25 प्रतिशत हो रहा वेस्ट

- पर डे बर्बाद हो रहा 60 एमएलडी वाटर

ALLAHABAD: इलाहाबादियों को इस बात का गर्व है कि उनका जन्म गंगा किनारे हुआ है। जब कोई पूछता है तो इलाहाबादी फक्र के साथ कहते हैं कि हम गंगा किनारे वाले हैं। लेकिन इसी गर्व और फक्र के बीच ब्0 प्रतिशत आबादी ये कहे कि हम गंगा किनारे वाले होकर भी प्यासे हैं तो यह इलाहाबाद के मान, सम्मान, प्रतिष्ठा और अस्तित्व पर जख्म ही होगा। चलिए आज आपको बताते हैं कि सिटी की ब्0 प्रतिशत आबादी क्यों रह जाती है प्यासी

क्योंकि ख्भ् परसेंट सप्लाई का हो रहा लॉस

नगर निगम के जल संस्थान पर सिटी के 8क् वार्ड में वाटर सप्लाई की जिम्मेदारी है। जिसके लिए सिटी में कुल पांच जोन ऑफिस बनाए गए हैं। जल संस्थान के रिकार्ड में सिटी की पॉपुलेशन क्ब् लाख है। ऑन एवरेज पर हेड के लिए क्7ख्.भ् लीटर वाटर सप्लाई का रेसियो निर्धारित है। जिसके मुताबिक पर डे सिटी में ख्ब्ख् एमएलडी वाटर सप्लाई की जरूरत है। जल संस्थान का कहना है कि ख्ब्ख् एमएलडी जरूरत के मुताबिक ख्ब्ख् एमएलडी पानी सप्लाई किया जा रहा है। वाटर सप्लाई में कोई कर्मी नहीं है।

ख्भ् परसेंट का सच भी स्वीकार किया

जल संस्थान के अधिकारी एक तरफ जहां यह दावा करते हैं कि वे ख्ब्ख् एमएलडी जरूरत के मुताबिक ख्ब्ख् एमएलडी वाटर सप्लाई कर रहे हैं। वहीं यह भी स्वीकार किया कि जितना वाटर सप्लाई हो रहा है, उसमें से ख्भ् परसेंट वाटर यानी म्0.भ् एमएलडी पानी लॉस हो रहा है। यह भी ऑन रिकार्ड ही माना जाता है।

पॉपुलेशन को लेकर क्लीयर नहीं

म्यूनिसिपल एरिया नगर निगम के अंतर्गत शहर के जितने भी इलाके आते हैं, उसमें वाटर सप्लाई की जिम्मेदारी जलकल विभाग की है। पूरे सिटी में लोगों को पानी मिलता रहे और वाटर सप्लाई शेडयूल बना रहे, इसके लिए सिटी में जलकल के पांच जोन ऑफिस बनाए गए हैं। ऑफिस तो बन गए हैं। महाप्रबंधक ऑफिस से वाटर सप्लाई के लिए प्लानिंग भी बनती है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि सिटी की पॉपुलेशन को लेकर जलकल विभाग क्लीयर नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पॉपुलेशन ही क्लीयर नहीं है तो पूरे म्यूनिसिपल एरिया के वाशिंदों को वाटर सप्लाई कहां से और कैसे करेंगे।

वेबसाइट पर पॉपुलेशन क्0 लाख

जलकल विभाग के वेबसाइट पर जियोग्राफिकल स्टेटस में डिस्ट्रिक्ट का पॉपुलेशन ब्9 लाख फ्म् हजार क्0भ् दिखाया गया है। जिसमें रूरल एरिया का पॉपुलेशन फ्7 लाख ख्9 हजार फ्ख्0 और अर्बन एरिया का पॉपुलेशन क्ख् लाख छह हजार 78भ् दिखाया गया है। वहीं पॉपुलेशन अंडर म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिट में पॉपुलेशन क्0 लाख क्8 हजार 9ख् ही दिखाया गया है। जलकल विभाग के इस आंकड़े पर अगर गौर करें तो वाटर सप्लाई के लिए जलकल म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिट में शामिल क्0 लाख क्8 हजार 9ख् लोगों के प्रति ही जिम्मेदार है।

जल संस्थान के रिकार्ड में क्ब् लाख

एक तरफ जहां जलकल विभाग के वेबसाइट पर म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिट में शामिल पॉपुलेशन क्0 लाख क्8 हजार 9ख् दिखाया जा रहा है। वहीं आई नेक्स्ट ने जब जलकल विभाग के महाप्रबंधक आरबी सिंह से पूछा कि सिटी में कितने लोगों को वाटर सप्लाई का टार्गेट है तो उन्होंने कहा कि हम म्युनिसपल एरिया के क्ब् लाख आबादी के हिसाब से सिटी में वाटर सप्लाई कर रहे हैं। क्7ख्.भ् लीटर प्रति व्यक्ति की जरूरत के मुताबिक पर डे ख्ब्ख् एमएलडी पानी की जरूरत है। हम पूरा का पूरा ख्ब्ख् एमएलडी सप्लाई कर रहे हैं।

दो लाख आबादी का तो जिक्र ही नहीं

सेंसस ख्0क्क् को अगर सही मानें तो इस समय म्युनिसपल एरिया की पॉपुलेशन क्म् लाख से अधिक है। यानी जलकल विभाग के रिकार्ड में दो शहर की दो लाख से अधिक आबादी का जिक्र ही नहीं है। दो लाख से अधिक लोग, होकर भी नहीं हैं।

-वाटर सप्लाई की कोई दिक्कत नहीं है। हमारे पास भरपूर मात्रा में टयूबवेल हैं। जमुना का वाटर लेवल भी बेहतर है। जहां से पानी लेने में दिक्कत नहीं हो रही है। सब कुछ ओके होने के बाद भी वाटर सप्लाई लॉस माना जाता है। प्रयास जारी है कि इस लॉस को दूर किया जा सके।

आरबी सिंह

महाप्रबंधक

जल संस्थान, नगर निगम

वाटर सप्लाई की स्थिति

क्- जलकल विभाग के मुताबिक सिटी की पॉपुलेशन है क्ब् लाख

ख्- क्7ख्.भ् लीटर पर हेड पानी के मुताबिक इलाहाबाद सिटी को चाहिए

--- ख्ब्ख् एमएलडी पानी

ख्- इलाहाबाद में सप्लाई हो रहा

--- ख्ब्ख् एमएलडी लेकिन

फ्- वाटर चोरी, टूटे फूटे पाइप लाइन से लॉस हो रहा ख्भ् परसेंट यानी पर डे म्0 एमएलडी पानी

ब्-- सिटी की पब्लिक के हिस्से आ रहा केवल क्8क्.भ् एमएलडी पानी

Posted By: Inextlive