जाड़े में भी पीते रहे पानी, वर्ना गुर्दे पर होगा असर
- पानी की कमी से गुर्दे में पथरी की समस्या बढ़ती है
LUCKNOW: ठंड में इंसान पेशाब करने बार-बार जाता है। ऐसे में गुर्दे को सही रखने के लिए आप पूरे दिन में जितनी बार पेशाब करने जाएं, उससे एक लीटर अधिक पानी जरूर पीएं। नहीं तो, पानी की कमी होने से गुर्दे में पथरी का खतरा बढ़ता है। इसके साथ गर्मी में पानी की यही मात्रा दो लीटर अधिक होनी चाहिए क्योंकि गर्मी में पसीना भी ज्यादा आता है। एक नार्मल इंसान दिन में करीब 2 लीटर पेशाब करता है जबकि गुर्दे की बीमारी से ग्रसित में यह मात्रा बढ़ जाती है। ये बातें शनिवार को हयात होटल में पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ। अमित गुप्ता ने छठवां एडवांस कोर्स इन रीनल न्यूट्रीशियन एंड मेटाबॉलिज्म विषय पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम के दौरान बताई। गुर्दे का रखें विशेष ध्यानसोसायटी ऑफ रीनल न्यूट्रीशियन एंड मेटाबॉलिज्म की सचिव और पीजीआई की डॉ। अनीता सक्सेना ने बताया कि गुर्दे की बीमारी होने पर शरीर के अन्य अंगों पर भी इसका विपरीत असर पड़ना शुरू हो जाता है। डायरिया होने पर पानी सूखने के साथ गुर्दे की ब्लड सप्लाई भी रुकने लगती है, जिसे मेडिकल टर्म में एक्यूट किडनी इंजरी कहा जाता है। ऐसे में किडनी की विशेष देखभाल बेहद जरूरी हो जाती है। इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखने के लिए पानी जरूर पीते रहे। यह समस्या गर्मी में ज्यादा होती है।
देश में केवल 1500 किडनी स्पेशलिस्ट इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के प्रेसिडेंट, नई दिल्ली के डॉ। अनिल भल्ला ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 10 में से एक आदमी क्रोनिक किडनी डिजीज से पीडि़त है। बीपी और डायबिटीज भी गुर्दे की बीमारी बढ़ा रहे हैं। हर साल दो लाख नये लोग किडनी की बीमारी के सामने आ रहे हैं। देशभर में महज 1500 का ही किडनी स्पेशलिस्ट होना बड़ी चिंता का विषय है। ऐसे में गुर्दा रोग विशेषज्ञ, डायटीशियन, जनरल फिजिशियन को एक साथ जागरुक होना बहुत जरुरी है। अगर यह लोग मरीजों को सही जानकारी और दवा लेने का तरीका नहीं बतायेंगे तो दिक्कतें और बढ़ेंगी।