-आरटीओ पहुंचने वाले आवेदकों में फेल होने वालों की संख्या बढ़ी

-आवेदक बोले ट्रैक्टर और कार का डीएल चाहिए, कम्प्यूटर नहीं आता चलाना

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325-आवेदक डेली लर्निग डीएलए के लिए टेस्ट देने आते हैं

20-आवेदक कंप्यूटर की नॉलेज न होने से हो जाते हैं फेल

300-आवेदक ही टेस्ट में हो पाते हैं पास

50-रुपए फीस दोबारा टेस्ट देने के लिए ली जाती है

300-से अधिक डीएल बन रहे हैं प्रतिदिन लर्निग

250-डीएल करीब बनते हैं परमानेंट

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बरेली:

बाइक, कार और दूसरे वाहन चलाने के लिए डीएल बनवाना है तो पहले कंप्यूटर ऑपरेट करना जरूर सीख लें। ऑनलाइन टेस्ट में फेल हुए तो फिर दूसरी बार टेस्ट देने के लिए दोबारा फीस भी जमा करनी होगी और करीब दो महीने का इंतजार भी करना होगा। ऐसे मामले आरटीओ ऑफिस में डेली आ रहे हैं। असल में ज्यादातर आवेदक ऐसे हैं जिन्हें कंप्यूटर ऑपरेट करना ही नहीं आता है और टेस्ट के लिए उन्हें कंप्यूटर के सामने बैठा दिया जाता है। ऐसे में ज्यादातर आवेदक फेल हो जाते हैं।

परेशान आवेदकों ने किया हंगामा

टेस्ट में फेल होने के बाद आरटीओ में स्क्रूटनी की फीस जमा करने पहुंचे आवेदकों ने मंडे को गर्मी और बारिश से परेशान होकर हंगामा कर दिया। किसी तरह मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें समझाया और फीस जमा कराई। आवेदकों को आरोप था कि वह डीएल बनवाने के लिए टेस्ट देने आ रहे हैं, लेकिन आरटीओ में बैठे कर्मचारी उनका टेस्ट लेने के लिए कम्प्यूटर पर बैठा देते हैं जिससे वह कम्प्यूटर आपरेट नहीं कर पाने के कारण वह बार-बार टेस्ट में फेल हो जाते हैं और बार-बार पेनाल्टी जमा करने के लिए लाइन में लगना पड़ता है।

देनी पड़ती है 50 रुपए फीस

परिवहन विभाग की तरफ से डीएल बनवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। जिसके चलते ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक को डीएल टेस्ट के लिए डेट दी जाती है। आवेदकों टेस्ट कम्प्यूटर पर लिया जाता है, जिसमें कई आवेदकों को ट्रैफिक रूल्स दिखाए जाते हैं ट्रैफिक रूल्स देखने के बाद आवेदक को उसका जवाब देना होता है। लेकिन आवेदक जब जवाब नहीं दे पाता है तो उसे टेस्ट में फेल कर दिया जाता है। इसके बाद वह दोबारा टेस्ट में शामिल होना चाहता है तो उसे 50 रुपए फीस जमा करने के बाद अगली डेट दी जाती है।

ऐसे हो रहा खेल

डीएल का टेस्ट देने के लिए पहुंचने वाले आवेदकों का आरोप है कि टेस्ट लेते वक्त उन्हें कम्प्यूटर के सामने बैठा दिया जाता है, जबकि उन्हें कंप्यूटर चलाना ही नहीं आता है। इसीलिए उन्हें फीस वसूलने के लिए फेल किया जा रहा है।

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-लर्निग डीएल बनवाने के लिए एक माह पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की फीस जमा की थी। टेस्ट की डेट मिली तो कम्प्यूटर के सामने बैठा दिया गया कि अपने आप क्लिक कर आंसर पर सही-गलत माउस से क्लिक करो, लेकिन मुझे कम्प्यूटर चलाना नहीं आता था इसलिए फेल कर दिया गया।

फराज खान

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मुझे तो ट्रैक्टर चलाना आता है कम्प्यूटर कैसे चला लूंगा। कम्प्यूटर तो मैने सीखा नहीं है। लेकिन यहां तो टेस्ट में कम्प्यूटर में चलवाकर देखा जा रहा है। ऐसे में फेल हो गए, अब दोबारा टेस्ट में शामिल होना है जिसके लिए 50 रुपए फीस जमा करने के लिए लाइन में लगा हूं।

हरदयाल सिंह

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मैंने बाइक और कार का डीएल बनवाने के लिए अप्लाई किया था। करीब डेढ़ माह बाद टेस्ट के लिए नंबर आया। लेकिन अब कम्प्यूटर पर टेस्ट लिया। लगता है कि टेस्ट बाइक कार का नहीं कम्प्यूटर का लिया जा रहा है।

रिजवान

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-दो बार टेस्ट में फेल हो चुका हूं क्योंकि मुझे कम्प्यूटर चलाना नहीं आता है। कम्प्यूटर पर टेस्ट करने को दिया जो नहीं पर कर पाया क्योंकि कम्प्यूटर ऑपरेट करना नहीं आता है। इसीलिए अब तीसरी बार फीस जमा करने के लिए लाइन में लगा हूं। सुबह से लाइन में हूं पीने को पानी तक नहीं है।

सैयद मुददशर अली

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बोले अधिकारी

-टेस्ट कम्प्यूटर एलइडी की स्क्रीन पर दिखाकर लिया जाता है। ऐसे में कई आवेदक टेस्ट देने में ट्रैफिक रूल्स के बारे में नहीं बता पाते हैं तो उन्हें फेल कर दिया जाता है। ऐसे आवेदकों को दोबारा टेस्ट का मौका दिया जाता है, ताकि वह अपना डीएल बनवा सकें।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive