- मैकडोनल गोलंबर से लेकर आर्य कुमार रोड तक फिर से जमेगा पानी

- मोईनुलहक स्टेडियम में एक दिन की बारिश से ही जमा है पानी, आसपास के लोगों के लिए बनी परेशानी

- मेडिकल शॉप से लेकर घर तक की ऊंचाई बढ़ा दी गई है

- धनुष पुल से नीचे फिर से कमर भर रहेगा पानी, न नाला खोजा गया न ही हो पाई सफाई

PATNA : पिछले साल राजेंद्र नगर को लेकर जितना त्राहिमाम किया गया और जितना प्लान बनाया गया वो सब कागजों तक ही सिमटा रहा। पांच दिन बाद मानसून दस्तक देने वाला है और जलजमाव के खौफ से एक बार फिर राजेंद्र नगर वासी का दिल दहल रहा है। क्योंकि इनके घरों के सामने का न तो नाला साफ हो पाया और न ही मैनहोल या कैचपिट बन गया। एक बार फिर से इस एरिया के लोगों के लिए जलजमाव संकट बना हुआ है जबकि इस एरिया में पड़ने वाले सैदपुर नाला सहित अन्य नाला की उड़ाही के पर 7भ् लाख के आसपास खर्च किया गया है। इसके बाद भी बांकीपुर सर्किल यह नहीं बता रहा है कि राजेंद्रनगर का कौन सा इलाका इस बार जलजमाव की भेंट नहीं चढ़ने वाला है। वहीं लोकल लोग इस बार भी प्लानिंग कर रहे हैं कि जून, जुलाई और अगस्त तीन महीने आफत को किसी भी तरह से पार लगा देना है।

मैकडोनल गोलंबर, आर्य कुमार रोड पर फिर लगेगा कमर भर पानी

राजेंद्र नगर में इन दिनों अगर मानसून आने की बात करें तो आपको कोई भी डांट देगा। इनके लिए प्री मानसून का पानी भी दहशत दे रहा है। राजेंद्र नगर अस्पताल के सामने रहने वाले ज्ञानेश मिश्रा की मानें तो दो दिन की बारिश काफी है। राजेंद्र नगर अस्पताल का एरिया सहित मैकडोनल गोलंबर और आर्य कुमार रोड पर कमर भर पानी आ जाएगा। इनके अनुसार साल भर में निगम के किसी भी कर्मी ने आकर नाले की उड़ाही या फिर नाले को लेकर कोई बात नहीं की है, जबकि सबों को पता है कि राजेंद्र नगर अस्पताल के अंदर भी पानी जम जाता है।

चारों तरफ से राजेंद्र नगर फिर घिरेगा

राजेंद्र नगर रोड नंबर एक में एक बॉक्स नाला बना है। मगर उसकी लंबाई कुछ खास नहीं है। साथ ही उसे बड़े नाला से नहीं जोड़ा गया है। इसकी गहराई तीन से चार फीट है। ऐसे में अगर पानी तीन फीट से ऊपर आता है तो सड़क पर जमना शुरू कर देगा। नाला का पानी भी सड़क पर आ सकता है। जानकारी हो कि इस नाले में आसपास के घरों का सीवरेज भी इससे जोड़ दिया गया है। वहीं मोईनुल हक स्टेडियम में दो घंटे की बारिश में ही जलजमाव हो गया है। यही हाल राजेंद्रनगर रोड नंबर क् से क्फ् तक का है। कांग्रेस मैदान के पास भी बॉक्स नाला का निर्माण किया गया है लेकिन कंडीशन और भी बदतर है।

राजेंद्र नगर की खासियत

- एक लाख के आसपास की आबादी।

- शहर के कई बड़े डॉक्टर यहीं पर रहते है।

- सैकड़ों नर्सिग होम इस एरिया में चलता है।

- अल्ट्रासाउंड क्लिनिक से लेकर नामी पैथोलॉजी है।

- कई बड़े इंस्टीच्यूट और हॉस्टल इस एरिया में है।

- राजेंद्रनगर एरिया स्टूडेंट का हब बन चुका है।

- होल सेल मंडी के रूप में बाजार समिति है।

- एक मात्र स्टेडियम मोईनुलहक स्टेडियम और प्रेमचंद रंगशाला है।

- सबसे बड़ा नाला सैदपुर नाला और राजेंद्र नगर ट्रीटमेंट प्लांट है।

राजेंद्र नगर को लेकर साल भर पहले की प्लानिंग

- हाईकोर्ट ने निगम कमिश्नर को आदेश दिया था कि जलजमाव के मसले पर लांग टर्म डीपीआर बनाए।

- इसके बाद निगम कमिश्नर ने शॉट टर्म जलजमाव देने की बात कही।

अगर संप हाउस का मोटर चलता रहा तो राजेंद्र नगर एरिया में एक बूंद भी जलजमाव नहीं होगा। अगर नहीं चला तो परेशानी आएगी। शत प्रतिशत नाला की उड़ाही हुई है। राजेंद्र नगर वासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर फिर भी परेशानी होती है तो बांकीपुर सर्किल के कर्मी लोगों के बीच खड़े मिलेंगे।

- शैलेश कुमार, एग्जीक्यूटिव बांकीपुर

- इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि ठीक है शॉट टर्म बनाकर ही काम शुरू करवाया जाए।

- इसके बाद नाले के किनारे अतिक्रमण को दूर करने के लिए कहा गया।

- अब तक इस दिशा में कुछ खास नहीं हो पाया, इसके बाद आरटीआई के जरिए ग्राउंड नाला का जिक्र किया गया।

- मगर उस नाले की अब तक जांच नहीं की गई और न ही इस दिशा में कोई प्लानिंग ही हो पायी।

- साल भर के इस प्रोसेस में अब तक निगम एक कदम भी नहीं चल पाया और नतीजा एक बार फिर मानसून में डूबेगा।

साल भर में क्या-क्या हो पाया राजेंद्र नगर एरिया में

- दो जगहों पर बॉक्स नाला का निर्माण हो पाया।

- मोइनुल हक स्टेडियम के अंदर नाला का निर्माण किया गया, जो खराब हो चुका है।

- राजेंद्र नगर एरिया के पाटलिपुत्रा पथ टेलीफोन एक्सचेंज के पास डेढ़ से तीन फीट के नाले का निर्माण किया गया।

Posted By: Inextlive