-कौशांबी में गंगा दशहरा पर्व पर स्नान के लिए गई थी लड़कियां

-पूरामुफ्ती उजिहिनी व गौसपुर घाट पर हुई घटनाएं

-घाटों पर मच गया कोहराम, घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल

KAUSHAMBI (28 May, JNN): गंगा दशहरा पर्व तीन परिवार के लिए मातम का दिन बन गया। गुरुवार की सुबह स्नान के लिए गई तीन बच्चियां अलग-अलग घाटों पर गंगा में डूब गई। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। बच्चियों के घर वालों के होश उड़ गए। इस मातम की स्थिति में घर वालों की रिक्वेस्ट पर पुलिस ने पंचनामा भरवा कर अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर घर वालों को सौंप दिया।

पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के गौसपुर गांव की निशा (9) पुत्री कमलेश व करिश्मा (क्0) पुत्री दिनेश गुरुवार की सुबह गंगा दशहरा पर्व पर गांव की कुछ महिलाओं के साथ गांव के पास स्थित घाट पर गंगा स्नान के लिए गई थीं। स्नान के दौरान दोनों गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं। आस-पास की महिलाओं ने उन्हें डूबते देख बचाने लिए शोर मचाना शुरू कर दिया। लोग बचाने लिए नदी में छलांग लगाए। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। सबके सामने ही दोनों बच्चियां डूब गई। आनन-फानन में गांव के लोगों ने गोताखोरों को बुलाया और दोनों को बचाने की कवायद में जुट गए। लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने गंगा की तलहटी से दोनों बच्चियों की बॉडी निकाली। इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे निशा व करिश्मा के परिजनों में रोना-पिटना मच गया।

छह साल की बच्ची डूबी

इसी तरह पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के कोइलहा निवासी विजय कुमार गुरुवार की सुबह परिवार के लोगों के साथ उजिहिनी घाट पर गंगा नदी में निशान चढ़ाने गए थे। परिवार की महिलाओं के साथ ही उनकी छह वर्षीय पुत्री शाहिनी भी साथ गई थी। परिवार के लोग निशान चढ़ाने के पहले गंगा में स्नान करने लगे। शाहिनी भी साथ ही नहा रही थी। थोड़ी देर बाद वह अचानक गायब हो गई। साथ में नहा रहीं परिवार की महिलाओं ने आस-पास उसे खोजा लेकिन कुछ पता नहीं चला। तभी किसी ने गहरे पानी में बाल देखा तो शोर मचाना शुरू कर दिया। साथ आए लोगों ने गहरे पानी में कूद कर शाहिनी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। शाहिनी की बॉडी देखकर परिवार के लोग बेसुध हो गए।

भाई के आने की खुशी, बेटी के जाने का गम

कोइलहा निवासी विजय कुमार का भाई गब्बर चायल पूर्व ब्लाक प्रमुख की हत्या के आरोप में जेल में बंद था। चार दिन पहले ही वह जेल से जमानत पर छूटा था। भाई के जेल से निकलने की खुशी में विजय गंगा में निशान चढ़ाने गया था। परिवार के लोगों के साथ पुत्री भी गई थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वहां बच्ची डूब गई और खुशियां मातम में बदल गई।

मौत भी छुड़ा न सकी साथ

निशा व करिश्मा में गहरी दोस्ती थी। पड़ोस में रहने के कारण दोनों दिन भर साथ रहती थीं। उम्र में एक साल का अंतर होने के बाद भी दोनों एक ही कक्षा में पढ़ती थीं। संयोग ऐसा था की दोनों की मौत भी एक साथ एक ही दिन गंगा नदी में डूबने से हुई। जिसने भी सुना वह बस यह कर रहा था कि मौत भी दोनों को जुदा न कर सकी।

Posted By: Inextlive