- सालाना 1.26 करोड़ कमाई के बाद भी हैंड पंप रिबोर नही कर रहा निगम

- अधिकांश एरिया में हैंड पंप खराब, रिबोर के नही निगम के पास बजट

Meerut . पार 40 से पार हो चुका है लेकिन नगर निगम को अभी तक अपने शहर में खराब व सूखे पडे़ हैंड पंप की सुध नही आई है. हालत यह है कि इस साल वाटर टैक्स वसूली में करीब 1.26 करोड़ अतिरिक्त वसूली के बाद भी निगम वाटर संसाधनों को सुधारने में रुचि नही दिखा रहा है. इसी का नतीजा है कि शहर के अधिकतर कालोनियों में निगम के हैंड पंप सूखे पडे़ हुए हैं और निगम के पास अभी तक कोई योजना तक नही है.

मुनाफा करोड़ों में काम जीरो

नगर निगम सीमा में टयूबवैल, हैंड पंप और ओवरहैड वाटर टैंक के माध्यम से लोगों को पेय जल की आपूर्ति की जाती है. इस वर्ष निगम वाटर टैक्स के मद में करीब 1.26 करोड की अतिरिक्त आमदनी हुई है. जो कि निगम की पिछले पांच साल की आय में सर्वाधिक वृद्धि है. ऐसे में इस आमदनी के बाद निगम को इस साल अपने वाटर सप्लाई के प्रमुख संसाधन हैंड पंप को दुरुस्त करके अभी तक चालू कर देना चाहिए था लेकिन ऐसा नही हुआ. योजना और बजट की कमी के चलते अभी तक जल निगम ने खराब हैंड पंप की सूची तक तैयार नही की है.

सर्विसिंग की दरकार

नगर निगम के दायरे में करीब 9850 के करीब हैंडपंप लगे हुए हैं. इन हैंडपंप को हर साल रिबोर या सर्विस कराने का नियम है लेकिन करीब 1800 हैंडपंप का पिछले कई साल से रिबोर या सर्विस नही हुए हैं. जिसके चलते इन इलाकों मे रहने वाले लोग साफ पेय जल की समस्या से जूझ रहे हैं. इनमें से अधिकतर हैंड पंप शहर की मलिन और मुस्लिम बस्तियों में लगे हुए हैं जहां ओवर हैड टैंक से पानी की सप्लाई नही है.

हैंडपंप को समय से रिबोर करने का आदेश दिया जा चुका हैं जहां से शिकायत मिल रही हैं वहां तुरंत सर्विस दी जा रही है.

- मुन्ना सिंह, ईएक्सईएन जल निगम

Posted By: Lekhchand Singh