- जंगल बहादुर अली गांव के बैनामा टोला में आधा दर्जन लोग बीमार

- परिवार के चार लोगों के बीमार होने पर डाक्टर ने दी सलाह

GORAKHPUR: जंगल बहादुर अली एरिया में अचानक फैली उल्टी-दस्त की बीमारी से परेशान लोग कोई और रास्ता न देख अपने घर छोड़कर जा रहे हैं। परिवार के सदस्यों के एक-एक करके बीमार होने से परेशान लोग डाक्टर की सलाह पर ऐसा कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से कूड़ा निस्तारण के लिए जंगल बहादुर अली एरिया में बनाए गए ट्रेचिंग ग्राउंड पर फैली गंदगी के कारण यहां के दो दर्जन से अधिक लोग बीमार हो गए हैं। सभी को एक साथ उल्टी-दस्त की शिकायत है जिससे पिछले दस दिनों में इस बीमारी से दो दर्जन से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बीमारी से लगातार लोग प्रभावित हो रहे हैं। काफी इलाज के बाद भी राहत मिलने में लोगों को तीन से चार दिनों का समय लग जा रहा है।

हर तरफ भिनभिना रही मक्खियां

मोहरीपुर, जंगल बहादुर अली, जंगल नंदलाल सिंह, हमीनपुर, रामपुर गांव सहित आसपास के एरिया में मक्खियां हर तरफ भिनभिनाती रहती हैं। जिससे करीब 65 हजार लोगों की आबादी की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब से यहां पर कूड़ा गिरना शुरू हुआ है तभी से मक्खियों और मच्छरों की संख्या काफी बढ़ रही है। इस वजह से बिना पंखे के हवा के यहां के लोगों को खाने-पीने में भी काफी परेशानी होती है। मक्खियों व मच्छरों के कारण लोग एरिया में मरीजों की संख्या बढ़ने की बात कर रहे हैं।

चौबीस घंटे बदबू में गुजार रहे लोग

नगर निगम एरिया से हर दिन करीब 540 टन कूड़ा निकलता है जिसका अधिकांश हिस्सा इसी जगह पर गिराया जाता है। कूड़े के कारण आसपास रहने वाले लोगों को यहां से उठती बदबू की दुर्गध में ही दिन गुजारना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के बाद से दुर्गध से तो थोड़ी राहत मिल गई है। लेकिन गर्मियों के दिनों में जिस तरह हवा चलती है वहां के लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। लोगों ने आरोप लगाया कि नगर निगम प्रशासन ने दवाओं के नियमित छिड़काव का वादा किया था लेकिन उसका पालन नहीं कर रहा है, जिससे समस्या बढ़ती जा रही है।

केस-1

अमरुल्लाह की मां नसीमा बेग को 15 दिनों पहले अचानक उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। हालत सीरियस होते देख उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी बीच छोटे भाई साजुद्दीन को भी यही परेशानी हुई, उसे भी तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अभी साजुद्दीन का इलाज चल रही रहा था कि घर आए मेहमान चाचा, बहन व जीजा को भी उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। मजदूरी करने वाले अमरुल्लाह को इलाज के लिए सात हजार रुपए का कर्ज लेना पड़ा। इसके अलावा खुद के पास रखे तीन हजार भी खर्च हो गए। परिवार के और सदस्य बीमार न हो जाएं इसलिए डॉक्टर की सलाह पर अमरुल्लाह घर छोड़कर महाराजगंज चला गया है।

केस-2

जंगल बहादुर अली के बैनामा मोहल्ला निवासी इश्तेहाक बताते हैं परिवार के लोगों में लगातार बढ़ रही बीमारी से परेशान उनके पड़ोसी जाकिर हुसैन भी घर छोड़कर जा चुके हैं। जाकिर के मोहल्ले में छह और आसपास के एरिया में दर्जनों लोगों को एक ही परेशानी होने के कारण उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया। इश्तेहाक ने बताया कि यहां पर यासीन, रुख्सार, माही, महक, अमीन, नाजिया, नसीमा सभी को उल्टी दस्त की बीमारी हुई थी। बीमारी की बढ़ती घटनाओं से भयभीत जाकिर कहीं चला गया है।

Posted By: Inextlive