सेव एन्वायरन्मेंट का संदेश दे रहीं मां की प्रतिमाएं
RANCHI: पूजा पंडालों में इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाई गई हैं। हर प्रतिमा से अलग-अलग संदेश देने का प्रयास किया गया है। कहीं संस्कृति, कहीं सभ्यता तो कहीं समरसता का संदेश दिया गया है। मां की प्रतिमाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का मैसेज भी दिया जा रहा है। हर प्रतिमा को अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया है।
केरल की संस्कृति -स्टेशन रोड स्टेशन रोड दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल में मां की प्रतिमा को केरल की संस्कृति से जोड़ा गया है। वहां की वेशभूषा में मां के अलावा अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। स्टेशन रोड की प्रतिमा से संस्कृति को सुरक्षित रखने का संदेश दिया गया है। भारतीय वेशभूषा में मां जगदंबे ओसीसी क्लब ओसीसी दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल में मां को भारतीय परिधान में दिखाया गया है। भारतीय वेशभूषा में मां की प्रतिमा अलौकिक छटा बिखेर रही है।समरसता व सद्भावना का संदेश
-बांधगाड़ी बांधगाड़ी पूजा पंडाल में मां की प्रतिमा को बिना शस्त्र के दर्शाया गया है। प्रतिमाएं एक दूसरे का हाथ पकड़ी हैं और आपसी समरसता एवं सद्भावना का संदेश दे रही हैं। युद्ध और शस्त्र से कोई लाभ नहीं, इसी थीम पर प्रतिमा का निर्माण किया गया है। बेटी पर जुल्म बंद हो-आरआर स्पोर्टिग क्लब
आरआर स्पोर्टिग क्लब की ओर से बेटियों पर होने वाले उत्पीड़न को बखूबी दिखाया गया है। मां अंबे बेटियों पर होने वाले उत्पीड़न से दुखी हैं और यह सब बंद करने का संदेश दे रही हैं। शांति का संदेश -बकरी बाजार बकरी बाजार स्थित भारतीय युवक संघ की प्रतिमा शांति का संदेश दे रही हैं। बौद्ध थीम पर तैयार की गई इन प्रतिमाओं के मुख मंडल से देश-दुनिया में शांति का पैगाम फैलाया जा रहा है। जारवा जनजाति को बचाएं -गीतांजलि क्लब गीतांजलि क्लब में बनी प्रतिमाएं आदिम जनजाति जारवा को बचाने का संदेश दे रही हैं। यह जनजाति अब विलुप्त होने के कगार पर है। प्रतिमा के माध्यम से जारवा जनजाति को बचाने का संदेश दिया जा रहा है। सभी पंडालों में इकोफ्रेंडली प्रतिमाएं सत्य अमर लोक, राजस्थान मित्र मंडल, चंद्रशेखर आजाद, कोकर दुर्गा पूजा समिति, संग्राम क्लब, बिहार क्लब आदि सभी पूजा पंडालों की प्रतिमाएं इको फ्रेंडली बनाई गई हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। विसर्जन के बाद पानी में भी इन प्रतिमाओं से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। प्रतिमाएं पूरी तरह मिट्टी की होने के कारण ये पानी में घुल जाएंगी।