प्लांट में कूड़ा जाने से शहरवासियों को मिली राहत - मेयर विनोद चमोली ने हरी झण्डी दिखाकर कूड़ा वाहनों को प्लांट के लिए किया रवाना - सहस्त्रधारा डंपिंग जोन को बनाया जायेगा आलीशान पार्क - प्लांट में कूड़े से बनाई जाएगी खाद DEHRADUN: शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़ा जाने से जहां शहरवासियों को बदबू से निजात मिली, वहीं नगर निगम ने भी चैन की सांस ली है। निगम को सुप्रीम कोर्ट से आखिरी मौका मिला था। यदि निगम द्वारा निर्धारित तिथि तक प्लांट का निर्माण कार्य पूरा न किया जाता तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ता। इसकी वजह है कि निगम को सुप्रीम कोर्ट ने सात दिसंबर आखिरी डेडलाइन दी थी। तो वहीं निगम ने कोर्ट से वादा किया था कि पांच दिसंबर तक प्लांट का कार्य पूरा कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर देगा। फ्राइडे को मेयर विनोद चमोली ने कूड़ा वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर प्लांट के लिए रवाना ि1कया। निगम की जिम्मेदारी समाप्त डोर टू डोर कूड़ा उठाने से लेकर सड़क पर लगने वाले कूड़े के ढेर को उठाने की जिम्मेदारी अब निगम की नहीं, बल्कि रैमकी कंपनी की होगी। यदि कोई भी अनियमितता पायी जाती है, तो रैमकी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसके साथ ही निगम ने अपने सभी संसाधन भी कंपनी के सुपुर्द कर दिये हैं। डंपिंग जोन में बनेगा पार्क नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक सहस्त्रधारा डंपिंग जोन का सौंदर्यीकरण किया जायेगा। इसके लिए आने वाले क्भ् दिसंबर से वर्कआउट शुरू होगा। डंपिंग जोन से फैल रही बदबू को समाप्त करने के लिए केमिकल का यूज किया जायेगा। इसके बाद उस स्थान पर बच्चों के खेलने व घूमने के लिए आलीशान पार्क बनाया जायेगा। प्रतिदिन दो लाख का खर्च शहर का कूड़ा शीशमबाड़ा प्लांट में पहुंचाने के लिए एक दिन में करीब दो लाख रुपए का खर्चा आयेगा। इसमें सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह व पेट्रोल, डीजल, वाहन मेंटिनेंस का खर्चा शामिल है। वहीं एक माह में साठ लाख रुपए का खर्चा आंका गया है। अब शहर का कूड़ा सहस्त्रधारा के बजाय शीशमबाड़ा प्लांट में डाला जायेगा। कूड़े से खाद बनायी जायेगी। सहस्त्रधारा कूड़े के डंपिंग जोन से फैल रही बदबू को केमिकल डालकर समाप्त किया जायेगा। उस स्थान का सौंदर्यीकरण कर पार्क बनाया जायेगा। यह प्रोजेक्ट निगम का ड्रीम प्रोजेक्ट है। विनोद चमोली, मेयर

Posted By: Inextlive