टेढ़ी पुलिया से जू के बीच कहीं दिखते डस्टबीन तो कहीं ढूंढते रह जाओगे
- अति व्यस्त रूट पर कहीं भी डस्टबिन की प्रॉपर व्यवस्था नहीं
- वाहन सवारों को सड़क किनारे ही कूड़ा फेंकना पड़ता है LUCKNOW: अगर आप टेढ़ी पुलिया के पास आईस्क्रीम या चिप्स खरीदते हैं और फिर लोहिया चौराहे तक का सफर तय करते हैं तो आपको रैपर फेंकने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। वजह यह है कि टेढ़ी पुलिया से लेकर लोहिया चौराहे के बीच कहीं भी डस्टबिन की प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। जिससे वाहन सवार परेशान होते हैं। डस्टबिन का इंतजाम न होने से उन्हें इधर-उधर कूड़ा फेंकना पड़ता है। जिम्मेदारों की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालात बेहद खराबएक तरफ जहां शहर के प्रमुख मार्केट एरिया में डस्टबिन की व्यवस्था नहीं है, वहीं दूसरी तरफ प्रमुख मार्गो का भी कमोवेश यही हाल है। डस्टबिन की प्रॉपर व्यवस्था न होने से वाहन सवारों को सड़क किनारे ही कूड़ा फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे स्वच्छता अभियान पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
कट जाते हैं मार्क्सहर साल स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा होती है। जिसमें डस्टबिन के भी अंक होते हैं। आलम यह है कि पिछले दो साल में निगम को इस बिंदु में शत प्रतिशत अंक नहीं मिले हैं। अगर डस्टबिन की प्रॉपर व्यवस्था कर ली जाए तो निगम को अंकों का फायदा होगा, जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर की रैंकिंग में खासा सुधार हो।
रिंग रोड में एक भी डस्टबिन नहीं टेढ़ी पुलिया से मुंशी पुलिया की तरफ आने वाली रिंग रोड की बात की जाए तो दो से तीन प्वाइंट को छोड़कर कहीं भी डस्टबिन नहीं हैं। रिंग रोड किनारे तो एक भी डस्टबिन नहीं है। जबकि प्रतिदिन इस रूट से आठ से दस हजार लोग गुजरते हैं। यहां भी गायब मुंशी पुलिया से पॉलीटेक्निक रूट की बात की जाए तो यहां भी डस्टबिन लगभग गायब हैं। पॉलीटेक्निक के पास एक डस्टबिन लगा है, लेकिन उसकी स्थिति बेहतर नहीं है। पॉलीटेक्निक से लेकर लोहिया चौराहे की तरफ आने वाले रूट पर भी डस्टबिन नजर नहीं आते हैं। लोहिया चौराहे से लेकर समता मूलक चौराहे के बीच जरूर ये नजर आते हैं। यहां स्थिति ठीकसमता मूलक चौराहे से 1090 की तरफ आने वाले रूट की बात करें तो गोमती पुल में हरे व नीले रंग के डस्टबिन रखे हैं। यहां से प्रॉपर कूड़ा कलेक्ट भी किया जाता है। बालू अड्डे से लेकर चिडि़याघर के बीच भी डस्टबिन की व्यवस्था तो है लेकिन इसे और बेहतर किए जाने की जरूरत है।
बाक्स बोली जनता निश्चित रूप से डस्टबिन की व्यवस्था की जानी चाहिए। डस्टबिन न होने से इधर-उधर कूड़ा फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हेमंत भसीन फिलहाल तो कहीं भी डस्टबिन नजर नहीं आते हैं। अगर जगह-जगह डस्टबिन रखवा दिए जाएं तो शहर और भी अधिक साफ नजर आएगा। निकिता अवस्थी जिम्मेदारों को जल्द से जल्द डस्टबिन व्यवस्था की तरफ ध्यान देना चाहिए। प्रमुख मार्गो पर डस्टबिन होने से हर किसी को राहत मिलेगी। डॉ। रश्मि माथुर डस्टबिन की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण ही सड़क किनारे कूड़ा फेंका जाता है। जल्द डस्टबीन लगवाए जाने चाहिए। अरविंद पाठक शहर में डस्टबिन लगभग लापता हालत में हैं। डस्टबिन रखे जाने से उसमें प्रॉपर कूड़ा डाला जा सकता है। जिससे शहर स्वच्छ होगा। कन्हैयालाल