एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप से ऐन पहले आईएएएफ ने दुती चंद के खिलाफ स्पोट्र्स ट्रिब्यूनल जाने का किया फैसला। आईएएएफ की हाइपरएंड्रोजेनिज्म पॉलिसी के तहत 2014 में एएफआई ने दुती चंद को किया था डिस्क्वालीफाई।

NEW DELHI: भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इंडियन स्प्रिंटर दुती चंद के हिस्सा लेने से सिर्फ  एक दिन पहले इंटरनेशनल एथलेटिक्स एसोसिएशन (आईएएएफ) ने उनके खिलाफ  जेंडर मामले को लेकर फिर स्पोट्र्स ट्रिब्यूनल (कैस) जाने का फैसला किया है। फेडरेशन इस बार अपनी विवादास्पद हाइपरएंड्रोजेनिज्म पॉलिसी के समर्थन में और साक्ष्य मुहैया कराएगा। स्पोट्र्स ट्रिब्यूनल ने 27 जुलाई 2015 को दुती और इंडियन एथलेटिक्स फेडरेशन व इंटरनेशनल एथलेटिक्स एसोसिएशन (आईएएएफ) के बीच मामले की सुनवाई के दौरान इंटरिम फैसला करते हुए ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन के हाइपरएंड्रोजेनिज्म रूल्स को दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया था। ऐसा इसलिए किया गया था कि आईएएएफ  को एक्स्ट्रा साक्ष्य मुहैया कराने का मौका मिलेगा कि हाइपरएंड्रोजेनिक महिला खिलाड़ी को सामान्य टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हारमोन का स्तर) स्तर की खिलाड़ी पर प्रदर्शन के आधार पर कितना फायदा मिलता है। कैस ने दो साल पहले इंतरिम ऑर्डर में दुती की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार किया था और उन्हें अंतिम फैसले तक कांप्टीशंस में हिस्सा लेने की छूट दी गई थी।


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फैसले तक खेल सकेगी एथलीट
आईएएएफ  ने एक बार फिर मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है और ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन की हाइपरएंड्रोजेनिज्म पॉलिसी के खिलाफ  दुती की अपील फिर सुर्खियों में आ गई है। इंडिया और विदेश में कई ह्यमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने इसे जेंडर इनइक्वैलिटी का मामला करार दिया है। हालांकि आईएएएफ  ने साफ कर दिया है कि उसके हाइपरएंड्रोजेनिज्म नियम कैस में मामला खत्म नहीं होने तक सस्पेंड रहेंगे और ग्लोबल स्पोट्र्स की एपेक्स कोर्ट में लौटने के उसके फैसले का अगस्त में लंदन में होने वाली वल्र्ड चैंपियनशिप पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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क्या है मामला?
एएफआई ने आईएएएफ  की हाइपरएंड्रोजेनिज्म पॉलिसी के तहत 2014 में 21 साल की दुती को डिस्क्वालीफाई कर दिया था, क्योंकि उनके टेस्टोस्टेरोन का लेवल एक्सेप्टेबल लेवल से अधिक था। दुती ने इन नियमों और उन्हें सस्पेंड करने के एएफआई के फैसले को सितंबर 2014 में कैस में चुनौती दी थी। कैस में अपील और सुनवाई के लिए स्पोट्र्स मिनिस्ट्री ने दुती को फाइनेंशियली मदद भी की थी।

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Posted By: Chandramohan Mishra