- आठ घंटे के स्थान पर करनी पड़ती है 12 से 13 घंटे की ड्यूटी

आगरा। कहने को रोडवेज ड्राइवरों की ड्यूटी आठ घंटे है, लेकिन हकीकत में 12 से 13 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ जाती है। आगरा से दिल्ली आने और जाने में करीब 10 घंटे का वक्त लगता है। इसके अलावा ड्यूटी पर आने से लेकर अन्य बीच का समय करीब एक घंटे और लग जाता है। इसके अलावा आगरा और दिल्ली बस स्टैंड पर सवारी बिठाने में आधा घंटा लगता है। एक घंटा अन्य स्थानों पर बस को रोकने से लेकर अन्य कार्यो में लग जाता है। इस प्रकार कुल करीब 13 घंटे की ड्यूटी ड्राइवर को करनी होती है। ड्यूटी घंटे अधिक कहीं न कहीं ड्राइवर के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डालते हैं।

503 है बसों की संख्या

आगरा रीजन से रोडवेज की 503 बसों का संचालन होता है। इन बसों के संचालन के लिए 700 संविदा और 530 रेग्यूलर ड्राइवर संचालन करते हैं। आगरा रीजन में मथुरा जनपद भी आता है। 400 से 500 किमी बस चलाने के लिए एक ड्राइवर रहता है। उसके अगले दिन छुट्टी पर रहता है। जयपुर, लखनऊ आदि शहरों के लिए एक ही ड्राइवर रहता है। एक हजार किमी वाले रूट पर दो ड्राइवर रहते हैं, जो शिफ्ट में ड्राइव करते हैं।

इन डिपो से होता है संचालन

ईदगाह

फोर्ट

फाउंड्री नगर

ताज

बाह

मथुरा

कुल बसों की संख्या 503

संविदा ड्राइवर 700

रेग्यूलर 530

नहीं है रेस्ट रूम

रोडवेज बस ड्राइवरों के लिए रेस्ट किए जाने के लिए कहीं पर कोई व्यवस्था नहीं है। मान लीजिए कि आगरा से बस जयपुर के लिए रवाना हुई। जयपुर पहुंचने के बाद तुरंत वापस आने के लिए बस को लगा दिया जाता है। जैसे ही बस में सवारियां भर गई, वैसे ही बस वापसी के लिए चल पड़ती है। इस बीच ड्राइवर को आराम करने को नहीं मिला। लगातार ड्राइव थकान देती है। जिसका असर अक्सर हादसे के रूप में सामने आता है।

Posted By: Inextlive