VRINDAVAN (27.): ग्रामीण इलाकों के नागरिकों की सुविधाओं के लिए करोड़ों की लागात से बना डॉ। हेडगेवार सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज बेहतर इलाज की चाह में दर-दर भटक रहे हैं।

फ्0 पलंग का है अस्पताल

नगर के बाहरी इलाके में ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थय सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से तत्कालीन भाजपा सरकार ने सन ख्00क् में फ्0 शैया डॉ। हेडगेवार सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र का निर्माण ग्राम बुर्जा के समीप कराया था। जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। अस्पताल का शुभारंभ करते समय शासन ने ग्रामीण इलाकों के मरीजों के लिए हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपल?ध कराने के वायदे किए थे। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के साथ-साथ स्टॉफ भी तैनात किया गया। मरीजों के लिए ऑपरेशन थियेटर और एक्सरे मशीन भी लगी। शुरूआती दौर में आसपास के दर्जनों गांव के सैकड़ों मरीजों ने अस्पताल की सुविधा का लाभ उठाया, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया सुविधाओं के अभाव में अस्पताल सफेद हाथी साबित होता गया।

सुविधाएं न होने से नहीं आते

वर्तमान में हालात यह है कि वमुश्किल प्रतिदिन ख्भ् से फ्0 मरीज ही अस्पताल तक पहुंच पाते हैं। जबकि अस्पताल में जननी सुरक्षा योजना के साथ-साथ क्षयरोग, पोलियो की दवा वितरण का भी कार्य है। लेकिन महज आंकड़ों में खाना-पूर्ति ही होती नजर आती है। अस्पताल में इन दिनों प्रभारी चिकित्सक डॉ। महेन्द्र नाथ सिंह के अलावा तीन अन्य चिकित्सक तैनात है। जबकि सामुदायिक केन्द्र को लगभग एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता है। महिला चिकित्सकों के रूप में डॉ। प्रीति जाडियां और डॉ। आशा आनंद द्वारा वृन्दावन में निवासरत असहाय वृद्ध महिलाओं का चिकित्सकीय परीक्षण करने का जिम्मा मिला है। इसके अलावा अस्पताल में तीन फार्मासिस्ट, दो एक्सरे टेक्नीशियन, दो लैब टेक्नीशियन के अलावा नर्सिग स्टाफ और एएनएम की तैनाती भी है। प्रभारी चिकित्सक डॉ। महेन्द्रनाथ सिंह का कहना है कि अस्पताल के लिए करीब ब्0 से ब्भ् स्टाफ कर्मियों की आवश्यकता है। न तो अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक है और ना ही आवश्यकतानुसार स्टाफ। इसके अलावा चिकित्सकीय उपकरणों की कमी भी हमेशा से अस्पताल में बनी रही है। जिससे मरीजों को पूर्ण सुविधा न मिलने पर वह अस्पताल पर कम ही पहुंच पाते हैं। उन्होंने बताया कि शासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस ओर कोई तबज्जों नहीं दी गई है। सूत्र बताते है कि अस्पताल में भले ही जननी सुरक्षा योजना चल रही हो, लेकिन प्रसव के लिए महिलाओं का अभाव है।

Posted By: Inextlive