ई वे बिल में भी कर रहे घोटाला
-जेनरेट बिल को कैंसिल कर उसी से हो रही है डिलीवरी
-चार घंटे में एक लाख से अधिक बिल हो रहे कैंसिल prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल इसलिए लागू किया था, ताकि टैक्स चोरी पूरी तरह से बंद हो सके। लेकिन चोरी करने वालों ने इसमें भी जुगाड़ लगा लिया। अब वे ई-वे बिल जेनरेट करने के बाद उसे कैंसिल कर दे रहे और उसी से माल परिवहन कर ले रहे हैं। अचानक बढ़े कैंसिलेशन जीएसटीएन को इसकी भनक लगी तो इसे रोकने के लिए अब ओटीपी व्यवस्था की गई है। कैंसिल बिल पर पहुंचा रहे मालजीएसटी काउंसिल की जांच में पाया गया कि कुछ लोग नियमित रूप से ई-वे बिल तैयार करने के चार घंटे के भीतर उस बिल को रद्द कर रहे हैं। इस तरह करीब एक लाख बिल पूरे देश में रोज रद्द हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर बिल कैंसिल होने पर एनआईसी और जीएसटीएन सिस्टम ने जांच की तो पता चला कि ज्यादातर व्यापारी जान बूझ कर बिल रद्द करवा रहे हैं। बिल जेनरेट होने के चार घंटे के अंदर बिल को कैंसिल कर दिया जा रहा है और इस बीच माल भी डिलीवर हो जा रहा है।
ओटीपी से रुकेगा फ्रॉडइसे पकड़ने व बंद करने के लिए जीएसटीएन ने ओटीपी सिस्टम शुरू किया है। नए सिस्टम में एक ओटीपी पासवर्ड जनरेट होगा। उसके सत्यापन के बाद ही ई-वे बिल का कन्साइनमेंट पूरा माना जाएगा। जब तक ओटीपी का सत्यापन नहीं होगा, सिस्टम में कारोबारी पर लाल निशान लगा रहेगा।
ओटीपी ऐसे करेगा काम - माल डिलीवरी के लिए कोई भी कारोबारी जैसे ही ई-वे बिल तैयार करेगा। उसके साथ एक ओटीपी आएगा। - ओटीपी उस व्यापारी के मोबाइल पर पहुंचेगा, जिसको माल डिलीवर किया जाना है। - माल की डिलीवरी के बाद माल भेजने वाले कारोबारी को ओटीपी सिस्टम में डालना होगा। - ओटीपी डालते ही कंसाइनमेंट पूरा होने का सत्यापन करना होगा। - ओटीपी के साथ ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी के फास्ट टैग मैकेनिज्म का भी इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि कारोबारी के कंसाइनमेंट पर पूरे रास्ते नजर रखी जा सके। वर्जन टैक्स चोरी करने के लिए व्यापारी यदि ये तरीका अपना रहे हैं तो यह गलत है। बगैर टैक्स चोरी के व्यापार करना चाहिए। ओटीपी की व्यवस्था से टैक्स चोरी की संभावना खत्म हो जाएगी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जीएसटी सभी व्यापारियों को एक ही नजर से देखे। जो कंपनियां और बड़े व्यापारी ऐसा कर रहे हैं, उन्हें ही इस दायरे में लाया जाए।संतोष पनामा
संयोजक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति