-लॉकडाउन के दौरान ई-चालान काफी रहा कामयाब -बरेली में करीब 50 हजार चालान किए प

-लॉकडाउन के दौरान ई-चालान काफी रहा कामयाब

-बरेली में करीब 50 हजार चालान किए पुलिस ने

बरेली-ट्रैफिक रूल्स ब्रेक करने पर अब सिर्फ ई-चालान ही किया जाएगा। 15 जून से मैनुअली चालान पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। पूरे उत्तर प्रदेश में अब यही व्यवस्था लागू होगी। बरेली में पहले से ही ई-चालान किए जा रहे हैं और लॉकडाउन में इसका काफी लाभ मिला, क्योंकि पुलिस सिर्फ मोबाइल में डिटेल भरकर आसानी से चालान काट दे रही थी। बरेली पुलिस ने लॉकडाउन पीरियड में करीब 50 हजार वाहनों के चालान काट दिए।

ई-चालान है आसान

ई-चालान की व्यवस्था काफी समय से चल रही है, लेकिन कई जगह पुलिस मैनुअली चालान भी कर रही थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान कोरोना स्प्रेड की वजह से मैनुअली चालान पर रोक लगा दी गई थी। यही वजह रही कि पुलिस ने मोबाइल पर ई-चालान एप से ही चालान किए। जिसमें पुलिस को काफी आसानी रही, क्योंकि इसमें पुलिस को देरी भी नहीं हुई। पुलिस ने जैसे ही कोई वाहन रोका तो तुरंत उसकी नंबर प्लेट सहित फोटो खींची और जैसे ही नंबर प्लेट पर लिखा नंबर एप में डाला तो तुरंत वाहन की डिटेल आ गई और उसके बाद ड्राइवर का नाम पूछकर और अफेंस टाइप कर एक क्लिक में चालान कर दिया। यही नहीं चालान भी तुरंत मोबाइल नंबर पर मैसेज से भेज दिया गया। अब यह व्यवस्था 15 जून से पूरी तरह से लागू हो जाएगी।

6 करोड़ के चालान

लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने 50 हजार चालान किए लेकिन लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट ही वसूला गया। पुलिस ने करीब 65 लाख रुपए जुर्माना वसूला लेकिन अभी भी चालान का करीब 6 करोड़ रुपए बकाया है। या यूं कहें कि पुलिस ने 6 करोड़ रुपए के चालान काटे। 65 लाख का जो जुर्माना भरा गया, उसमें से 50 परसेंट ऑनलाइन ही भरा गया। एक जून से ऑफिस खुलने पर कुछ लोगों ने मैनुअली भी जुर्माना भरा लेकिन कम ही लोग ऑफिस पहुंच रहे हैं। ई-चालान भरने के लिए पुलिस चालान के मैसेज के साथ इसका लिंक भी भेजती है। इसके अलावा लोग परिवहन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी जाकर ई-चालान भर सकते हैं।

फर्जी वेबसाइट भी

ई-चालान भरने से पहले लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि कहीं वह फर्जी वेबसाइट के लिंक पर तो क्लिक नहीं कर रहे हैं। परिवहन विभाग की वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट भी ठगों ने बना ली हैं। इसी तरह एक वेबसाइट में डॉट जीओबी की जगह डॉट इन लगाकर फर्जी वेबसाइट बना दी। परिवहन विभाग इस फर्जी वेबसाइट के बारे में लोगों को अपनी वेबसाइट पर अवेयर भी कर रहा है।

Posted By: Inextlive