RANCHI: राजधानी रांची समेत राज्य भर में जहां भी शराब दुकानों के लिए आवेदन किए गए हैं, उन सभी को दुकान मिल जाएंगी। जी हां, मंगलवार को उत्पाद विभाग द्वारा शराब दुकानों के आवंटन की लॉटरी कराई गई। इसमें पहले जहां एक दुकान के लिए 200 आवेदन आते थे वहीं इस बार कई दुकानों के लिए एक भी आवेदन नहीं आए। यहां तक कि रांची जिले में भी मात्र 87 प्रतिशत दुकानों के लिए ही लोगों ने आवेदन किए। इसके पीछे ऑनलाइन समेत महंगी प्रक्रिया वजह बताई जा रही है।

दोबारा निकाली लॉटरी, हंगामा

नई पॉलिसी से दुकानों के आवंटन में लॉटरी को लेकर भी हंगामा हुआ। पहली बार लॉटरी किया गया। शुरू में जिन लोगों का लॉटरी में नाम निकला उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद दोबारा लॉटरी की गई। इस तरह पहली बार जिनका नाम निकला उन लोगों ने शिकायत भी दर्ज कराई। उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने बताया कि पहला लॉटरी ट्रायल के तौर पर किया गया था, जिसकी जानकारी आवेदकों को नहीं दी गई थी। ऐसे में जिनका पहली बार में नाम आया उनलोगों ने डीसी ऑफिस के पास हंगामा भी किया।

राजस्व का हो रहा है नुकसान

पहले शराब दुकानों की बंदोबस्ती के लिए जो लॉटरी निकाली जाती थी, उसमें करोड़ों राजस्व आता था। सिर्फ रांची जिले से ही 10 करोड़ का राजस्व आवेदन से होता था। लेकिन पिछले साल उत्पाद विभाग द्वारा मात्र 747 करोड़ ही राजस्व मिला। अब इस बार सरकार ने 1600 करोड़ रुपए राजस्व का लक्ष्य रखा है।

रांची में 25 दुकानों के आवेदन नहीं

रांची जिले में देसी शराब की 70, विदेशी शराब 93 तथा 30 कंपोजिट दुकानें स्वीकृत हैं। इन सभी दुकानों के लिए 97 समूह गठित किए गए थे। इसमें 84 समूह की बंदोबस्ती संपन्न हुई। शेष 13 समूहों के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। रांची जिला के लिए स्वीकृत कुल 193 दुकानों में से 168 की बंदोबस्ती पहले चरण में हुई है, जो कुल स्वीकृत संख्या का 87 प्रतिशत है।

राज्य में 115 दुकानें खाली रह गई

उत्पाद विभाग द्वारा राज्य में देशी, विदेशी एवं कंपोजिट शराब की दुकानों के 799 समूह बनाए गए थे। एक समूह में अधिकतम दुकानों की संख्या तीन थी। राज्य में 565 देशी, 718 विदेशी एवं 381 कंपोजिट शराब दुकानों को 799 दुकानों के समूह में बांटा गया था। इसमें 686 समूहों के आवेदन प्राप्त हुए थे, जो समूह की कुल संख्या के 86 प्रतिशत के करीब है। दुकानों के 686 समूह में 1720 आवेदकों के 5762 आवेदन प्राप्त हुए। 115 दुकान लेने के लिए एक भी आवेदक नहीं आए।

1350 शराब दुकानों की हुई बंदोबस्ती

नई उत्पाद नीति खुदरा शराब बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन नियमावली 2018 के तहत 2019 से 2022 तक 3 सालों के लिए बंदोबस्ती की गई है। इसमें झारखंड प्रदेश के 24 जिलों से कुल 1664 आवेदन 799 समूह के लिए आए थे। इसमें 1350 लोगों का ही ई लॉटरी के माध्यम से आवंटन हुआ है। इस प्रक्रिया में 565 देसी शराब, 718 विदेशी शराब और 381 कंपोजिट शराब दुकानें शामिल हैं। सभी दुकानों के लिए आवेदन 23 फ रवरी से 4 मार्च तक मांगे गए थे और 5 मार्च को जिला उपायुक्तों की निगरानी में ई लॉटरी के माध्यम से चयन किया गया है।

5 दिनों में जमा करनी है जमानत राशि

उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने बताया कि बंदोबस्त हुई दुकानों से लगभग 1300 करोड़ राजस्व की प्राप्ति होगी। ई-लॉटरी में सफ ल आवेदकों द्वारा पांच दिनों के अंदर जमानत राशि के रूप में कुल वार्षिक न्यूनतम उत्पाद राजस्व का 5 प्रतिशत तथा 15 दिनों के अंदर अग्रिम उत्पाद परिवहन शुल्क के रूप में कुल वार्षिक न्यूनतम उत्पाद राजस्व का 7.5 प्रतिशत राशि जमा करना होगा। इसके बाद ही डीसी द्वारा लाइसेंस जारी किया जाएगा।

दूसरे को भी मिलेगा मौका

उत्पाद सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि तीन प्रक्रिया के तहत लिस्ट फाइनल की गई है। पहले वाले को विजेता घोषित किया गया है। यदि ये 1350 विजेता कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं और पैसा समय पर उपलब्ध नहीं कराते हैं तो पांच दिनों बाद दूसरे विजेता व तीसरे विजेताओं को दुकानें आवंटित कर दी जाएंगी। इनकी पहचान अभी गुप्त रखी गई है।

Posted By: Inextlive