-ई-रिक्शा चालकों को लर्निग लाइसेंस के बाद लेनी होगी ट्रेनिंग

 

Meerut : ई-रिक्शा चालकों को डीएल बनवाने से पहले दस दिनों का ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिखाना होगा। तब उन्हे विभाग द्वारा कॉमर्शियल लाइसेंस दिया जाएगा। यह व्यवस्था शहर में अंट्रेंड ड्राइवरों भरमार होने के चलते की गई है।

 

क्या थी समस्या

शहर में पिछले लगभग एक साल से बिना लाइसेंस ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं, जो शहर के लिए किसी समस्या से कम नहीं हैं। इनकी वजह से चौराहों पर जाम लगना भी आम है। नंबर न होने से किसी ई-रिक्शा को पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। क्राइम के संबंध में ई-रिक्शा को पकड़ना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो रहा था।

 

लेनी होगी ट्रेनिंग

शुरुआत में ई-रिक्शा चालकों का लर्निग लाइसेंस बना दिया जाएगा। लेकिन लाइसेंस को लाइट कराने के लिए उन्हे दस दिनों का ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिखाना मस्ट होगा। ई- रिक्शा चालक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट आरटीओ द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर से ही बनवा सकेंगे।

 

आसान होगी प्रक्रिया

विभागीय जानकारी के अनुसार ई-रिक्शा चालकों के लाइसेंस की प्रक्रिया भी काफी आसान होगी। सारी प्रक्रियाएं वही होंगी जो एक कमर्शियल लाइसेंस के लिए जरूरी होती है। लेकिन इसमें एक कंडीशन रखी गई है। लर्निग लाइसेंस बनने के बाद कंपनी के द्वारा चालक को दस दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसका कंपनी को एक सर्टिफिकेट जारी करना होगा। उस सर्टिफिकेट को दिखाने के बाद ही ड्राइवर को पक्का लाइसेंस दिया जाएगा। आपको बता दें कि लर्निग लाइसेंस की फीस 30 रुपए है। टेस्ट ड्राइव की फीस 50 रुपए और कार्ड की फीस 200 रुपए ही होगी।

 

 

यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि अंट्रेंड ड्राइवर्स ई- रिक्शा लेकर सड़क पर न निकलें। ट्रेनिंग के बाद चालक पक्का हो जाता है। जिसके बाद उसे लाइसेंस बनवाने की छूट है।

-विश्वजीत ंिसंह, एआरटीओ

Posted By: Inextlive