व्यापारियों ने कदम को अव्यवहारिक बताया, लगन सीजन में बढ़ी मुसीबत

50 हजार से अधिक मूल्य का कोई सामान घर ले जाने के लिए भी बनवाना होगा ई वे बिल

ALLAHABAD: इंट्रा स्टेट बिल आम आदमी पर भी असर डालने जा रहा है। इसे 50 हजार से अधिक मूल्य का सामान खरीदने वाले कस्टमर के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है। यानी दुकान से सामान घर तक ले जाने के लिए भी ई वे बिल जेनरेट करना होगा। इसके दो आप्शन दिये गये हैं। एक कस्टमर खुद जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करके बिल जेनरेट कर ले। दूसरा दुकानदार ऐसा करे। इस व्यवस्था ने शहर के व्यापारियों के कान खड़े कर दिये हैं। व्यापारियों का कहना है कि लगन के सीजन में व्यापारी बिजनेस पर कंसंट्रेट करे या ई वे बिल बनावे।

टैक्सबल आइटम्स पर ही बनेगा बिल

सीए सुमित अग्रवाल बताते हैं कि 15 अप्रैल की आधी रात से यूपी समेत पांच राज्यों में लागू हुए ई-वे बिल को लेकर कन्फ्यूजन भी दूर कर दिया गया है। क्लियरिफिकेशन जारी करते हुए स्पष्ट किया गया है कि एक कन्ज्यूमर को भी 50 हजार रुपए से अधिक का माल या प्रोडक्ट ट्रांसपोर्ट करने पर ई-वे बिल बनाना होगा या फिर सप्लायर से बनवाना होगा। यानी अगर कोई कस्टमर 50 हजार रुपए से अधिक का मोबाइल या टीवी खरीदता है जिसे वह अपने स्वयं के व्हीकल में लेकर जाता है तो उसे ई-वे बिल जेनरेट करना या फिर कराना होगा। यह व्यवस्था बायोलिड को इन्क्लूड करते हुए यह उन सभी सामानों का जेनरेट करना होगा जो जीएसटी के दायरे में आते हैं। ऐसा न करने पर चेकिंग में माल पकड़ा जाता है तो उन पर भी 28 फीसदी जीएसटी और इतना ही जुर्माना ठोंक दिया जाएगा।

इन राज्यों में जरूरी है ई वे बिल

उत्तर प्रदेश

आंध्र प्रदेश

गुजरात

केरल

तेलंगाना

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

ई-वे बिल सिस्टम में कस्टमर को एनरोलमेंट फॉर्म भरना होगा, जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन होगा। ये फॉर्म ई-वे बिल की वेबसाइट पर है और उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ये फॉर्म भरना होगा। महंगे प्रोडक्ट खरीदने वाले कस्टमर ई-वे बिल पोर्टल https://www.ewaybillgst.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन या इनरॉलमेंट करा सकते हैं। इसके बाद ई-वे बिल फॉर्म-1 भरकर वह ई-वे बिल जेनरेट कर सकेंगे।

क्या है ई-वे बिल सिस्टम?

ई-वे बिल पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम है

इसमें 50 हजार रुपए से ज्यादा का सामान ट्रांसपोर्ट करने वाले कस्टमर, ट्रांसपोर्टर, ट्रेडर को ऑनलाइन ई-वे बिल जेनरेट करना है

यह 1 से 15 दिन तक मान्य होगा

वैलेडिटी प्रोडक्ट ले जाने की दूरी के आधार पर तय होगी

100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 1 दिन का ई-बिल बनेगा

1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 15 दिन का ई-बिल बनेगा

कौन भरेगा जुर्माना

एफएमसीजी बिजनेस करने वाले महेन्द्र गोयल कहते हैं कि ई वे बिल के बिना कोई कस्टमर सामान अपने घर लेकर जा रहा है तो भी उसे पकड़ा जा सकता है। इस स्थिति में 28 फीसदी जीएसटी और इतना ही जुर्माना लगाया जायेगा। यानी एक लाख के माल का मूल्य 1.56 लाख रुपये हो जाएगा। अब यह 56 हजार रुपये कौन भरेगा। दुकानदार इसलिए नहीं भरेगा क्योंकि वह अपने यहां सामान की सेल दिखा चुका है। कस्टमर पूरी बिल का भुगतान कर चुका है। यह बेहद जटिल स्थिति होगी। कई बार कस्टमर अपने बच्चों के नाम बिल बनवा लेते हैं या कहते हैं कि मुझे बिल की जरूरत ही नहीं है। इस स्थिति में क्या होगा।

50 हजार से अधिक मूल्य का सामान लेने पर कंज्यूमर को ई-वे बिल देना सप्लायर और दुकानदार की जिम्मेदारी है। यदि किसी अन रजिस्टर्ड व्यापारी से 50 हजार से अधिक मूल्य का सामान खरीद रहे हैं तो परिवहन से पहले खुद ई-वे बिल जेनरेट करना होगा।

सुमित अग्रवाल

सीए

लगन का समय है। इस समय दुकानदारों के साथ कस्टमर पर यह नियम थोप दिया गया है। कई बार कस्टमर महंगे सामान गिफ्ट भी करता है। कल जो सरकार ने गिफ्ट पाने वाले से आय पूछना शुरू कर दिया तब क्या होगा। फिर इसमें कस्टमर को कोई आईटीसी नहीं मिलनी है तो उनके लिए ई वे बिल अनिवार्य करना समझ से परे है।

महेन्द्र गोयल

अध्यक्ष, कैट ईस्ट यूपी

कंज्यूमर के लिए ई-वे बिल की अनिवार्यता पूरी तरह से अव्यवहारिक है। इससे लोग महंगा सामान खरीदने से कतराएंगे। ई-वे बिल जेनरेट होने पर उन्हें हिसाब देना पड़ सकता है।

मनोज अग्रवाल

जिलाध्यक्ष, कैट, इलाहाबाद

किसी व्यक्ति ने 50 हजार से अधिक मूल्य का टैक्सेबल आइटम परचेज कर लिया। उसने ई-वे बिल जेनरेट नहीं कराया। सामान घर लेकर जाते समय पकड़ लिया तो फिर पेनाल्टी कौन देगा। इसे क्लीयर नहीं किया गया है।

अजय अवस्थी

Posted By: Inextlive