10 किलोमीटर के बाद बिजनेस पर ई-वे बिल जरूरी
पांच हजार की बाध्यता पर मिली राहत, एक अक्टूबर से होगा लागू
50 हजार से कम का सामान सप्लाई करने पर ई-वे बिल नहीं होगा जरूरी ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों पर सरकार और विभाग की पकड़ बनी रहे। माल के डिलेवरी में किसी तरह की मनमानी न हो और टैक्स चोरी न होने पाए, इसलिए गवर्नमेंट ने मॉनिटरिंग सिस्टम बना दिया है। जिसके तहत व्यापारियों को अब शहर के अंदर या फिर बाहर दस किलोमीटर की दूरी पर माल भेजने से पहले ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। ई-वे बिल के बगैर सामान भेजने पर कार्रवाई भी हो सकती है। 15 अगस्त तक किया था स्थगितकुछ दिनों पहले यूपी गवर्नमेंट ने प्रदेश में ई-वे बिल लागू करने का आदेश जारी किया था। व्यापारियों ने इसका विरोध किया तो सरकार ने ई-वे बिल को 15 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया। केंद्र सरकार ने अब व्यापारियों को राहत दी है। पूरे देश में ई-वे बिल एक अक्टूबर से लागू होगा। इस बीच अगर किसी प्रदेश में ई-वे बिल की व्यवस्था की गई होगी तो वह समाप्त हो जाएगी।
ऐसे जेनरेट होगा ई-वे बिल जो भी दुकानदार माल बेचेगा उसे आनलाइन जीएसटीएन पोर्टल पर बिल नंबर, माल और वैल्यू की सूचना देनी होगीजिसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कोड आ जाएगा
कोड को बिल पर लिख कर भेजा जा सकेगा यही ई-वे बिल होगा यह दस किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य का सामान भेजने पर लागू होगा। यूपी में पांच हजार से उपर के सामान पर ई-वे बिल लगाया जा रहा था व्यापारियों द्वारा ई-वे बिल एक लाख या उससे अधिक कीमत का माल मंगाने पर आवश्यक किए जाने की मांग की थी इस मांग पर उन्हें 50 हजार तक ही राहत मिली शर्त भी जुड़ी अपने जिले के ही अंचल में माल भेज रहे हैं तो ई-वे बिल लगाना होगा यह व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू होगी 16 अगस्त तक के लिए यूपी गवर्नमेंट ने ई-वे बिल को रद्द किया था। कैट ने सरकार से ई-वे बिल वैल्यू एक लाख किए जाने की मांग की थी। लेकिन, सरकार ने 50 हजार पर ही अनुमति दी है। यह एक अक्टूबर से लागू होगा। -महेंद्र गोयल प्रदेश अध्यक्ष, कैट