Gorakhpur : इस बार दीवाली में इलेक्ट्रिक झालरों के साथ ट्रेडीशनल दीये भी घरों को रोशन करेंगे. सिटी की मार्केट्स भी झालरों के साथ डिफरेंट टाइप के दीयों से सज चुकी हैं. जानकारों का कहना है कि इस साल सिटी में मिट्टी के लाखों दीये दीवाली की जगमगाहट में चार चांद लगाने को तैयार हैं.


सिंपल दीये हैं इन डिमांडसिटी की मार्केट में दो तरह के दीये मिल रहे हैं। डिजायनर दीये शोरूम में बिक रहे हैं जबकि लोकल दीयों के लिए सिटी में स्पेशल मार्केट लगती है। सिटी के कुम्हार ही इन दीयों को तैयार करते हैं। मार्केट में डिजायनर दीयों की आमद के बावजूद सिंपल दीयों की डिमांड ज्यादा है। सिटी की मार्केट में अवेलबल डिजायनर दीये कानपुर और मथुरा से आ रहे हैं। मार्केट में डिजायनर दीयों की 10 से ज्यादा वैरायटी अवेलबल है।यहां सजती हैं मिट्टी के दीयों की दुकानेंसिटी में 10 से अधिक जगहों पर लोकल दीयों की मार्केट सजती है। जिनमें टाउनहाल, अलीनगर, सूरजकुंड, रुस्तमपुर, असुरन चौक, गिरधरगंज, गोरखनाथ, मोहद्दीपुर, झरनाटोला जैसी मार्केट्स में लोकल दीये बेचे जाते हैं।इन जगहों पर अवेलबल हैं डिजायनर दीये


सिटी मॉल, गोलघर, उर्दू बाजार, रेती चौक, अलीनगर आदि जगहों पर डेकोरेशन शॉप्स पर कई वैरायटी में डिजायनर दीये अवेलबल हैं।लोकल मार्केट पर दिख रहा महंगाई का असर

महंगाई के असर से दीयों का मार्केट?भी अछूता नहीं रह गया है। बात करें पिछले साल की तो 1 रुपए में तीन दीये आसानी से मिल जाया करते थे, वहीं इस बार 1 रुपए में एक दीया ही मिल पा रहा है। दीया बनाने वाले एक कलाकार के मुताबिक पिछले साल एक ट्रॉली मिट्टी 1200 रुपए में मिल रही थी, लेकिन इस साल मिट्टी की एक ट्रॉली 2000 हजार रुपए की पड़ रही है जिससे दीयों का दाम भी बढ़ाना पड़ा है।डिजायनर दीयेछोटा सिम्पल दीया- 8 रुपएटेराकोटा मिट्टी दीया- 18 रुपएजेल दीया- 40 रुपए से 50 रुपएकछुआ दीया- 100 रुपएतुलसी दीया- 40 रुपए-100 रुपएआरती थाल दीया- 100 रुपए से 200 रुपएहमारे यहां कई वैरायटी के दीये आए हैं जिनमें तुलसी दीया और कछुआ दीया खास है। सबसे ज्यादा सिंपल दीये ही बिक रहे हैं।-आशीष बैरोलिया, शॉप ओनर

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