- आईआईटी स्टूडेंट की सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, मल्टीस्टोरी कल्चर भूकंप के लिहाज से ठीक नहीं

- सन 2006 में शहर की 30 इमारतें भूकंपरोधी पैमाने पर नहीं उतरी खरी, अब संख्या में सैकड़ों मल्टीस्टोरी शामिल

KANPUR : गुजरात के कच्छ व भुज में जिस तरह का भूकंप आया था। अगर उसी तरह का भूकंप शहर में आया तो यहां पर अहमदाबाद से भी भयानक तस्वीर सामने आ सकती है। ऐसा अर्थक्वैक इंजीनियरिंग एक्सप‌र्ट्स का कहना है। उनके मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में होगा। क्योंकि इन्हें बनाने में बिल्डर्स ने मानकों की अनदेखी की है। सन-ख्00म् में शहर की फ्0 गगनचुंबी इमारतों पर सर्वे करने के बाद आईआईटी ने अब यह ताजा रिपोर्ट पेश की है। चौंकाने वाली रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था कि सभी इमारतें भूकंपरोधी नहीं हैं। यह बिल्डिंग्स आज भी भूकंप के झटके झेलने में सक्षम नहीं हैं।

9 साल पहले की रिसर्च

भूकंप के मद्देनजर करीब 9 साल पहले भूकंप को लेकर रिसर्च में काफी चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए थे। सन-ख्00म् में आईआईटी के एमटेक स्टूडेंट चक्रेश जैन की रिसर्च में पता चला था कि यहां की फ्0 मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स भूकंप के झटके नहीं झेल सकती हैं। यह सभी इमारतें शहर के पॉश इलाकों में स्थित हैं। सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अर्थक्वैक इंजीनियरिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर डॉ। दुर्गेश चन्द्र राय के मुताबिक सन-ख्00म् के बाद से मल्टीस्टोरी कल्चर में तेजी से इजाफा हुआ है। मगर, हर एक बिल्डिंग में भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है या नहीं? यह कह पाना संभव नहीं है।

फिर तो तबाही आएगी

तेजी से बढ़ता फ्लैट कल्चर वहां रहने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरे वाला है। प्रोफेसर दुर्गेश चन्द्र राय ने बताया कि ख्म् जनवरी ख्00क् को भुज में जो भूकंप आया था। इससे पूरा अहमदाबाद कांप गया था। यही नहीं बल्कि लगभग क्ख्0 बहुमंजिला इमारतें जमींदोज हो गई थीं। जिस तेजी से यहां मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स बन रही हैं। कानपुर को भी अहमदाबाद बनने से कोई नहीं रोक सकता। अगर उसी तरह के भूकंप के झटके यहां पर लगे तो फिर तबाही आना तय है। तस्वीर और भी ज्यादा भयानक होगी।

इंजीनियर के लिए पैसा नहीं

प्रोफेसर राय ने बताया कि बिल्डर इंजीनियर को पैसा देने से बचते हैं। जबकि टाइल्स लगाने वाले मिस्त्री को क्8 रुपए स्क्वायर फिट के हिसाब से पेमेंट कर देंगे, लेकिन डिजाइन बनाने वाले इंजीनियर को पैसा नहीं देंगे। सच्चाई ये है कि उसे एक रुपए स्क्वायर फिट का भी पेमेंट नहीं मिलेगा। जबकि हकीकत ये है कि अपार्टमेंट की दीवार को प्लास्टर ऑफ पेरिस से बराबर करने का कोई फायदा नहीं होता है। इमारत को भूकंपरोधी बनाना ज्यादा जरूरी होता है।

Posted By: Inextlive