सूरजकुंड श्मशान घाट में जल्द निर्मित होगा हरित शवदाह गृह

75 फीसदी लकड़ी की होगी बचत

कमिश्नर ने दिए नगर निगम को निर्माण के निर्देश

पर्यावरण एवं वन सुरक्षा समिति 'मोक्षदा' करेगी निर्माण

Meerut। शहर का सूरजकुंड स्थित मुक्तिधाम जल्द ही ईको-फ्रेंडली होगा। कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार के निर्देश पर नगर निगम इस दिशा में प्रयास कर रहा है। पर्यावरण एवं वन सुरक्षा समिति 'मोक्षदा' मेरठ में हरित शवदाह गृह का निर्माण करेगी। खास बात यह है कि संस्था बिना चार्ज के अत्याधुनिक शवदाह गृह स्थापित करेगी।

यह है विशेषता

ईको फ्रेंडली हरित शवदाह गृह की विशेषता यह है कि इसमें लकड़ी की बचत 75 फीसदी तक होती है। अनुमान के मुताबिक एक शव को जलाने के लिए 4 क्विंटल लकड़ी की आवश्यकता होती है, लेकिन हरित शवदाह गृह में महज 1 क्विंटल अर्थात मात्र 25 फीसदी लकड़ी से ही पूरा शव आसानी से जल जाएगा। नया सिस्टम पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण बताया गया है।

ऐसे करेगा काम

इसके लिए एक कमरा नुमा शवदाह गृह बनाया जाता है, जिसके चारों ओर फायर ब्रिक्स (अभ्रक की ईंट) चारों तरफ की दीवारें बनाई जाएंगी। यह शवदाह गृह ऊपर से भी बंद रहेगा। इसमें एक पतली चिमनी लगाई जाएगी। अभ्रक की ईंटों की खास बात यह होती है कि लकड़ी से निकलने वाली आंच इसमें अवशोषित नहीं होती, बल्कि वह उत्सर्जित होती है। जिससे मात्र 1 क्विंटल लकड़ी में इतनी अधिक आंच पैदा होगी कि शव 7 से 8 घंटे में पूरी तरह से जल जाएगा। एक कमरे में एक साथ तीन शव जलाए जा सकते हैं।

सूरजकुंड में होगा स्थापित

कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार के निर्देश पर नगर निगम ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं तो वहीं संस्था मोक्षदा के पदाधिकारी भी निगम अधिकारियों के संपर्क में हैं। पहले चरण में सूरजकुंड शवदाह गृह को योजना के तहत संवारा जाएगा। इसके बाद शहर के अन्य मुक्तिधामों को हरित शवदाह गृह में तब्दील किया जाएगा।

बनी रहेगी आस्था

हरित शवदाह गृह में शव का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों और पूजन के साथ होगा। बस शवदाह गृह को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जिससे लकड़ी की खपत कम होगी।

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एक्सपर्ट व्यू

हरित शवदाह गृह आने वाले दिनों में ईको फ्रेंडली शवदाह गृह के तौर पर विकसित होंगे। इससे धुंआ कम होने के साथ लकड़ी की खपत भी काफी कम होती है। इस हरित शवदाह गृह में पहाड़ी और ठंडे स्थानों पर उगने वाले पेड़ों की लकड़ी साथ ऐसे वृक्ष, जिनमें रेजिन कैनाल डेवलेप हो गई हों, का इस्तेमाल किया जाएगा।

डॉ। मधु वत्स, पर्यावरणविद्

हरित शवदाह गृह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर प्रयास होगा। मोक्षदा नामक संस्था मेरठ में ईको-फ्रेंडली शवदाह गृह स्थापित करने के लिए इच्छुक है। नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वह संस्था के साथ तालमेल बैठाकर सर्वप्रथम सूरजकुंड शवदाह गृह को अपग्रेड करें।

डॉ। प्रभात कुमार, कमिश्नर, मेरठ मंडल

Posted By: Inextlive