कई दूसरे के नाम पर बना रहे संपत्ति

किसी रिश्तेदार या दूसरे लोगों के नाम पर लगाते हैं पैसा

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RANCHI(5 हृश्र1) : झारखंड में नक्सलियों की अकूत संपत्ति की जांच का दायरा अब बढ़ेगा। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राज्य में सक्रिय टीपीसी के 12 उग्रवादियों पर मनी लांड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अब भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआइ जैसे प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के प्रमुखों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। शुक्रवार को लोहरदगा में पकड़े गए नक्सली के पास से अकूत संपत्ति मिलने के बाद कई बड़े उग्रवादी ईडी के रडार पर आ चुके हैं।

हाई कोर्ट के आदेश पर हुआ है एफआइआर

झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद टीपीसी के उग्रवादियों पर मनी लांड्रिंग के आरोप में एफआइआर दर्ज हुई है। एफआइआर में कोहरामजी, आक्रमणजी सहित टीपीसी के 12 उग्रवादियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 के तहत काली कमाई को जायज करार देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने का आरोप लगा है।

रहते हैं जंगलों में, पर बच्चों को पढ़ा रहे कॉन्वेंट में

नक्सली खुद जंगलों में रहते हैं, लेकिन उनकी फैमिली शहरों में रह रही है। बच्चे कॉन्वेंट स्कूलों, इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। शहरों में सस्ती दरों पर जमीन खरीद कर आलीशान मकान बनाकर उसमें रह रहे हैं। यह खुलासा उस वक्त हुआ था, जब रातू से नक्सलियों का टॉपमोस्ट नेता श्यामलाल जी उर्फ धर्मेद्र जी को गिरफ्तार किया गया था। उस समय वह रातू के सिमलिया में आलीशान मकान बनवा रहा था। नक्सली की भनक पड़ोसियों को भी नहीं थी। पुलिस जब श्यामलाल जी उर्फ धमर्ेंद्र जी को गिरफ्तार कर ले जाने लगी तब पता चला कि वह भाकपा माओवादी का सब-जोनल कमांडर था, जिस पर तीन लाख का इनाम भी था।

स्पेशल ब्रांच ने माना, शहर पहुंचे नक्सली

नक्सली जंगलों में रह कर पुलिस को तो चुनौती दे ही रहे हैं। साथ ही साथ अब सिटी में भी रह कर बेखौफ अपना संगठन चला रहे हैं। वहीं, पुलिस अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि सिटी में रहना नक्सलियों के प्लान का ही एक हिस्सा है। शहर में कई नक्सली पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अब भी कई माओवादी एरिया कमांडर हैं, जो शहर में ही छिपे हुए हैं।

.पहला बॉक्स।

शहरों में रह रहे हैं नक्सली

-रांची से पीएलएफआई एरिया कमांडर वरुण यादव गिरफ्तार हुआ, जो दिनेश गोप के राइट हैंड धनेश्वर गोप दस्ते का मेंबर था।

-खलारी थाना पुलिस ने टीपीसी के एरिया कमांडर गोपाल गंझू उर्फ निर्भय जी को पकड़ा।

-तमाड़ थाना पुलिस ने पीएलएफआई के तीन नक्सलियों गोदा पुराण, शनिका ओड़ेया व सोमा सालूकर को गिरफ्तार किया था।

-पतरातू से रांची पुलिस ने मोस्ट वांटेड माओवादी रोहित जी को गिरफ्तार किया था।

-रांची पुलिस ने पीएलएफआई एरिया कमांडर व दिनेश गोप के राइट हैंड जेठा कच्छप को गिरफ्तार किया था, जो कर्रा के डुमरगड़ी गांव का रहनेवाला था।

-इटकी से दिनेश गोप का सहयोगी मंगल उरांव धराया था। वहीं, फरार शमशाद उर्फ मौलवी की गिरफ्तारी इटकी के सौका जंगल से हुई थी।

-पीएलएफआई का मेंबर पवन गोप डोरंडा इलाके से गिरफ्तार हुआ था।

दूसरा बॉक्स

सिटी के आसपास कई नक्सली ठिकाने

रांची के आसपास के इलाकों में नक्सलियों व प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई, टीपीसी, जेपीसी ने अपना ठिकाना बना लिया है। रांची से सटे अनगड़ा, खलारी, बुढ़मू, चान्हो, मांडर, बेड़ो, इटकी, बुंडू, तमाड़, सोनाहातू, नामकुम का कुछ इलाका, हटिया, तुपुदाना, रातू का कमड़े, रातू, ओरमांझी समेत सिल्ली में पहचान छिपा कर नक्सली रह रहे हैं।

तीसरा बॉक्स

रांची के मोस्ट वांटेड नक्सली

कुंदन पाहन: कुंदन पाहन बुंडू व अड़की का माओवादी एरिया कमांडर है। उस पर बुंडू डीएसपी प्रमोद हत्याकांड, पांच करोड़ रुपए की लूट समेत कई मामले दर्ज हैं। वह अड़की का ही रहनेवाला है।

दीपक कुमार: यह भाकपा माओवादी सैक का मेंबर है। रोहित जी के पकड़े जाने के बाद खूंटी- अड़की एरिया का कार्यभार संभाल रहा है।

राममोहन मुंडा: यह कुंदन पाहन दस्ते का मेंबर है। माओवादियों में जोनल कमिटी का सदस्य है। सरकार ने इस पर ईनाम की राशि रखी है।

दिनेश गोप: कर्रा निवासी दिनेश गोप पीएलएफआई का सुप्रीमो है। सरकार ने इस पर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा है।

जिदन गुडि़या: दिनेश गोप का राइट हैंड खूंटी में रहनेवाला जिदन गुडि़या भी पुलिस पकड़ से अब तक दूर है।

Posted By: Inextlive