-समाज में कुरीति को खत्म कर

रही है बेटियां-सुशील मोदी

PATNA: लड़कियां अब घरों में कैद नहीं है। स्कूल जाती है ट्रैफिक हवलदार, पुलिस और विभागों में नजर आती है। उनकी शिक्षा से समाज में बदलाव आ रहा है। और वो बदलाव नजर भी आने लगा है। ये बातें उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा। शुक्रवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर महिला विकास निगम और समाज कल्याण विभाग की तरफ से अधिवेषन भवन, में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, अनु.जा। एवं जन। जा। कल्याण विभाग मंत्री डॉ। रमेश ऋ षिदेव, समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद, महिला विकास निगम की एमडी डा। एन विजया लक्ष्मी ने सम्मिलित रूप दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर में गणमान्य अतिथियों द्वारा जेण्डर रिपोर्ट कार्ड एवं दहेज के संबंधी आंकड़ों के रिपोर्ट कार्ड का विमोचन किया गया।

शिक्षा से ही आ रहा है बदलाव

कार्यक्रम का संबोधन करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्राचीन काल में महिला एवं पुरूष दोनों एक साथ और बराबर थे। परन्तु कुरीतियों के कारण महिला की सुरक्षा जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रजनन दर में लगातार गिरावट आई है और इसमें लड़कियों की शिक्षा का विशेष महत्व है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव अतुल कुमार ने 'मुख्यमंत्री कन्या त्थान योजना' के माध्यम 54100 रूपए की राशि सरकार द्वारा दिए जाने का विस्तार से उल्लेख किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में अनु। जा। अनु। जन। जा। सचिव प्रेम सिंह मीणा, यूनिसेफ के सी.एफ.ओ। असर्दउर रहमान, समाज कल्याण निदेशक राजकुमार, रूपेश कुमार सिन्हा, रवि रंजन, रश्मि सिंह, संदीप ओझा अन्य लोग मौजूद रहे।

बताई अपनी कहानी

सिपारा की गुडि़या ने अपनी आप बीती बताई। उसने कहा कि उनके पिताजी 12 वर्ष की आयु में ही उनकी शादी करना चाहते थें, जिसका उसने विरोध किया और कहा कि मैं बाल मजदूरी और बाल विवाह नहीं करूंगी। इसी बीच रोड पर लगे विज्ञापन के माध्यम से महिला हेल्पलाईन 181 को देखा और उसपर सहायता मांगी। इसके बाद उसने अपने बाल विवाह को रोकने में सफल रही और इन्टर में पढ़ रही है। इसके साथ ही स्वरोजगार प्रशिक्षक के रूप में काम कर रही नीतू ने भी अपने सघर्षो को बताया।

Posted By: Inextlive