- विवाद के कारण टली मंडे को होने वाली बैठक

- डोमेसाइल का विरोध कर रहा है यूपीटीयू

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी यूपीटीयू की ओर से इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली राज्य प्रवेश परीक्षा एसईई में डोमेसाइल सिस्टम को समाप्त करने के प्राविधिक शिक्षा मंत्री के बयान के बाद यह प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। डोमेसाइल के मुद्दे पर गवर्नमेंट और यूनिवर्सिटी दोनों की अपनी अलग राय है। पिछले वीक प्राविधिक शिक्षा मंत्री शिवाकांत ओझा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यूपीटीयू के अधिकारियों ने कहा है कि अगर दूसरे स्टेट के स्टूडेंट्स को मौका दिया जाता है। इसे यूपी के स्टूडेंट्स को काफी नुकशान होगा। इस पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस नियम से उत्तर प्रदेश के छात्रों को नुकसान नहीं होगा। बल्कि इस निर्णय से यूपी के सरकारी कॉलेजों में केवल यूपी के ही छात्रों को पढ़ने का मौका दिया जाएगा। जबकि नए नियम के अनुसार केवल प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन पर लागू होगा।

आल इंडिया लेवल पर आयोजित होगी एसईई

एसईई से निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता खत्म करने पर प्राइवेट कॉलेज एक मत है। प्राइवेट कॉलेज चाहते हैं कि एसईई ऑल इंडिया लेबल पर आयोजित की जाए। जिसे दूसरे स्टेट के स्टूडेंट्स को यूपीटीयू के कॉलेजों में एडमिशन दिया जा सके। कॉलेजों का कहना है कि अभी कॉलेजों में डेढ़ लाख सीटें हैं ये सीटें जो स्टेट लेवल पर होने वाले एंट्रेंस एग्जाम के कारण नहीं भर पाता है। जिसे भरने के लिए इस ऑल इंडिया लेवल पर आयोजित किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि साल ख्0क्ब् में आयोजित एसईई की परीक्षा में एक लाख सोलह हजार सीटें भर पाई है। फ्भ् हजार से अधिक सीटें खाली रह गयी हैं। ऐसे में ऑल इंडिया लेवल पर एग्जाम होने से अधिक अभ्यर्थी आवेदन करेंगे।

अच्छे स्टूडेंट्स का कम हो जाएगा मौका

प्राइवेट कॉलेजों के डोमेसाइल खत्म करने के पक्ष में आने पर यूपीटीयू ने कॉलेजों का प्रस्ताव खारिज कर दिया। यूपीटीयू का कहना है कि अच्छे प्राइवेट कालेजों में जिन छात्रों को मौका मिलता है। वह डोमेसाइल खत्म होने के बाद उनका यह मौका कम हो जाएगा। यूपीटीयू का कहना है कि मात्र क्0 से क्भ् ऐसे प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जहां अच्छी पढ़ाई और कैंपस सलेक्शन होता है। अगर ऑल इंडिया टेस्ट होता है तो यह मौके यूपी के छात्रों के लिए और कम हो जाएंगे। डेढ़ लाख सीटों के लिए हुई एसईई की काउंसिलिंग के माध्यम से मात्र ख्क् हजार स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया था। जबकि नब्बे हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने डायरेक्ट एडमिशन लिया है।

मंडे को भी नहीं हुई बैठक

वर्ष ख्0क्भ् में एसईई के आयोजन को लेकर मंडे को यूपीटीयू में आयोजित होने वाली बैठक आयोजित नहीं हो सकी है। सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे भी कारण अभी तक डोमेसाइल मामले पर निर्णय न हो पाना है। जब तब यह निर्णय नहीं हो जाता है, एसईई के लिए यूपीटीयू नोटिफिकेशन नहीं जारी कर सकता है।

Posted By: Inextlive