-नए सत्र के लगभग तीन महीने बाद भी हॉस्टल में खाली पड़े हैं आधे से अधिक रूम

-हॉस्टल के कमरों में लटक रहे ताले, अंत:वासियों को भी है नए साथियों का इंतजार

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही हॉस्टल एलॉटमेंट को लेकर भी मारामारी शुरू हो गई। दूरदराज से यूनिवर्सिटी में पढ़ने आने वाले नए स्टूडेंट्स को हॉस्टल मिलना किसी सपने से कम नहीं। लेकिन यहां तो हॉस्टल एलॉटमेंट के बाद भी सैकड़ों स्टूडेंट्स को अभी तक रूम नहीं मिल सका। हॉस्टल के कमरों में लगे ताले इस बात की गवाही दे रहे हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी के हॉस्टल का हाल देखा।

हॉलैंड हॉल में पसरा था सन्नाटा

हॉलैंड हॉल हॉस्टल दो भागों में बंटा हुआ है। पहला भाग कैंब्रिज और दूसरा ऑक्सफोर्ड है। हॉस्टल के दोनों ही भाग में ज्यादातर कमरे अभी तक खाली पड़े हैं। हॉस्टल में रहने वाले छात्र संदीप वर्मा ने बताया कि हॉस्टल में कुल 100 कमरे हैं इसमें 200 बच्चों के रहने की व्यवस्था है। लेकिन अभी तक सिर्फ 41 कमरों में ही स्टूडेंट्स रह रहे हैं। खासतौर पर कैंब्रिज वाले हॉस्टल के हिस्से में सबसे अधिक कमरे खाली हैं। संदीप वर्मा ने बताया कि जिन नए स्टूडेंट्स को हॉस्टल के कमरे एलॉट हुए हैं, वह लगातार हॉस्टल फीस की डीडी लेकर भटक रहे हैं। लेकिन हॉस्टल के वॉर्डन से मुलाकात नहीं होने पर स्टूडेंट्स की फीस जमा नहीं हो पा रही है। इस वजह से उनको कमरे नहीं मिल पा रहे हैं।

हॉस्टल में है समस्याओं का अंबार

हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स विभांसू सिंह ने बताया कि हॉस्टल में आए दिन बिजली की समस्या बनी रहती है। जबकि हॉस्टल प्रबंधन की ओर से 15150 रुपए लिए जाते हैं। इसके साथ ही हॉस्टल में साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं, हॉस्टल के वॉशरूम में भी हमेशा गंदगी बनी रहती है। इससे स्टूडेंट्स को लगातार मुश्किलें होती हैं। विभांसू ने बताया कि फीस के साथ ही 1000 रुपए कॉशन मनी के रूप में भी हॉस्टल में डिपॉजिट कराया जाता है। लेकिन आज तक किसी स्टूडेंट को कॉशन मनी वापस नहीं हुई। इतना ही नहीं, हॉस्टल में कल्चरल इवेंट आदि के लिए भी कोई सुविधा नहीं है।

वॉशआउट बाद भी नहीं सुधरी हालत

हॉस्टल के अंत:वासी अभिषेक तिवारी ने बताया कि सत्र की शुरुआत के पहले हॉस्टल में वॉशआउट कराया गया था। उस समय दलील दी गई थी कि हॉस्टल को मेंटेन कराना है। लेकिन आज तक कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ। इतना ही नहीं, हॉस्टल के चारों तरफ गंदगी और घास फैली हुई है। जबकि कई कमरों के दरवाजे टूटे हुए है। उनकी भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस बारे में जब भी वार्डन से कहा जाता है, तो वह इधर-उधर की बात करते हैं। बिजली का बिल भी करोड़ों में बाकी है। यही कारण है कि पिछले दिनों यहां का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था। जब स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट किया तब कनेक्शन जोड़ा गया।

कॉलिंग

हॉस्टल में अव्यवस्थाओं का अंबार है। इस बारे में कई बार शिकायत की गई, लेकिन आज तक हम लोगों की कोई सुनवाई नहीं हुई।

-संदीप वर्मा

हॉस्टल के कमरे एलॉट होने के बाद भी नए स्टूडेंट्स को कमरे नहीं मिल रहे हैं। स्टूडेंट्स हॉस्टल आते हैं, लेकिन डीडी नहीं जमा हो पाती तो लौट जाते है।

-विभांसू सिंह

हॉस्टल के आधे से अधिक कमरे खाली पड़े हैं। रात में हॉस्टल के अंदर की स्थिति और भी अधिक भयानक हो जाती है। यहां पर सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है।

-अभिषेक तिवारी

हॉस्टल में हर तरफ अव्यवस्था है। वॉशरूम से लेकर पीने के पानी आदि की भी व्यवस्था बेहद खराब है। इतनी फीस देकर भी कोई सुविधा नहीं मिलती।

-सौरभ सिंह बंटी

Posted By: Inextlive