-पटना की एयर क्वालिटी 125 से 247 तक किया गया रिकॉर्ड

PATNA: पटना देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। इन दिनों लॉकडाउन है और ह्यूमन एक्टिविटी जैसे वाहनों का चलना और इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन आदि लगभग नहीं हो रही है। इसके बावजूद चौंकाने वाली बात यह है कि पटना की एयर क्वालिटी में अपेक्षित सुधार नहीं है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डाटा पर नजर डालें तो पता चलता है कि किसी भी दिन यह आंकड़ा 100 से कम का नहीं है।

लक्ष्य से पीछे है एक्यूआई

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार (सीयूएसबी) के डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरनमेंटल साइंस में प्रोफेसर और इंडियन मेट्रोलॉजिकल सोसाइटी (पटना चैप्टर) के प्रेसीडेंट प्रधान पार्थसारथी ने बताया कि आमतौर पर स्थानीय प्रदूषण के लिए लोकल फैक्टर खासतौर पर ह्यूमन एक्टिविटी को कारण माना जाता है। लेकिन ये आंकड़े बिल्कुल अलग दिखते हैं। क्योंकि लॉकडाउन के दौरान एक्टिविटी नहीं होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स 50-60 के करीब होनी चाहिए, जबकि यह कम से कम 100 से अधिक है। यह तथ्य इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि क्लीन एक्शन प्लान लागू होने के बाद उम्मीद बंधी

थी कि पॉल्यूशन में कमी आएगी जबकि यह लक्ष्य से पीछे है।

मौसम संबंधी कारण जिम्मेदार

प्रधान पार्थसारथी ने बताया कि पटना में जो एयर क्वालिटी है उसके पीछे कहीं ना कहीं मौसम संबंधी फैक्टर्स जिम्मेदार है। मार्च के दूसरे और अंतिम हफ्ते में टेंपरेचर ठीक से नहीं बढ़ना विंड मूवमेंट अपेक्षाकृत कम रहना और अरेबियन सी आदि फैक्टर्स इसके पीछे हो सकते हैं। लेकिन जरूरी है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर आगे अध्ययन किया जाए ताकि वैज्ञानिक तरीके से इसके निष्कर्ष का पता चले। वही एयर क्वालिटी के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सीड्स की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अंकिता ज्योति ने बताया कि एयर क्वालिटी के आंकड़े दर्शा रहे हैं कि पॉल्यूशन का ज्यादा योगदान लोकल लेवल पर नहीं होने के बावजूद स्थिति भिन्न हो सकती है। वहीं दिल्ली में लॉकटाउन के दौरान सुधार हुआ है।

Posted By: Inextlive