-डिजास्टर के दौरान बड़ी संख्या में मरीजों के इलाज के लिए तैयार नहीं केजीएमयू

-केजीएमयू प्रशासन की बड़ी लापरवाही, आग के बाद से बंद है वार्ड

डिजास्टर के दौरान बड़ी संख्या में मरीजों के इलाज के लिए तैयार नहीं केजीएमयू

-केजीएमयू प्रशासन की बड़ी लापरवाही, आग के बाद से बंद है वार्ड

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW:sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बुधवार को ट्रैक्टर ट्रॉली के एक्सीडेंट के बाद अचानक पहुंचे भ्0 मरीजों को संभालना भी मुश्किल हो गया था। दरअसल हमेशा ओवरलोडेड रहने वाले ट्रॉमा सेंटर में अचानक इतने मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह ही नहीं थी। जबकि हमेशा ट्रॉमा सेंटर में एक डिजास्टर वार्ड में भ्0 बेड आरक्षित रखे जाते हैं और ऐसी समस्या होने पर तुरंत वार्ड खोलकर मरीजों को मैनेज किया जाता है। लेकिन बुधवार को यह सुविधा नहीं मिली।

इसलिए नहीं खुला वार्ड

सेकेंड फ्लोर पर बने भ्0 बेड के डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड में ही बछरावां के ट्रेन हादसे, एनटीपीसी हादसे और कई अन्य हादसों में अचानक बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने पर उन्हें मैनेज किया जाता रहा है। अन्य वार्डो में भर्ती गंभीर मरीजों से जगह खाली कराने की नौबत नहीं आई। लेकिन इस बार ट्रॉमा सेंटर तैयार नहीं था। दोपहर बाद जब अचानक भ्0 मरीज पहुंच गए तो खुद ट्रॉमा के अधिकारी और डॉक्टर डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड खुलवाने में लगे रहे। बाद में पता चला कि वार्ड मरीजों के लिए तैयार ही नहीं है। न लाइट का काम पूरा है न ऑक्सीजन की पाइप बिछी हैं।

आग से हुआ था नुकसान

पिछले वर्ष जुलाई माह में शार्ट सर्किट से आग लगने के बाद स्टोर में रखा सामान दवाएं व एक्विपमेंट जल गए थे। इसी से सटे हुए भ्0 बेड के वार्ड में बेड और अन्य सामान जल गए। धुंआ और पानी भी भर गया था। जिसके बाद से अब तक आठ माह बीत चुके हैं लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यह हाल तब है जबकि आग लगने की घटना के बाद तत्कालीन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने जल्द से जल्द वार्ड को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए थे।

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सीएमओ की बड़ी लापरवाही

बुधवार को हुई घटना के बाद सीएमओ कार्यालय की भी बड़ी लापरवाही सामने आई। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर्स ने बताया कि सीमएओ की ओर से ख्भ् मरीजों के पहुंचने की जानकारी दी गई थी। लेकिन अचानक भेज दिए गए भ्ब् मरीज। जिनमें से चार की ट्रॉमा सेंटर पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। ट्रॉमा के डॉक्टर्स ने ख्भ् मरीजों के लिए अलग अलग विभागों में बेड खाली करा लिए। लेकिन हमेशा फुल रहने वाले ट्रॉमा में अचानक भ्0 मरीज पहुंचने के कारण दिक्कत हुई और उन्हें अन्य वार्डो में भर्ती कराना पड़ा।

कोट--

वार्ड को ठीक करने का काम चल रहा है। अगले एक हफ्ते के भीतर वार्ड मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

डॉ। संदीप तिवारी, इंचार्ज, ट्रॉमा सेंटर

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आखिर इस लापरवाही पर आपका क्या कहना है?

बॉक्स् बॉक्स्

Posted By: Inextlive