-कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को आस्था और उल्लास के साथ मनी देवोत्थानी एकादशी

-श्रद्धालुओं ने स्नान कर सुबह लिया था व्रत का संकल्प

ALLAHABAD: चार माह तक शयनकक्ष में निद्रा में लीन रहे भगवान श्री हरि विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी यानि देवोत्थानी एकादशी को जाग गए। इस उपलक्ष्य में घरों में उल्लास छाया रहा। श्रद्धालुओं ने सुबह संगम नोज सहित अन्य घाटों पर स्नान कर व्रत का संकल्प लिया। शाम को विधि विधान से श्री हरि विष्णु का पूजन-अर्चन किया गया। साथ ही घरों के मुख्य द्वार से लेकर पूजा घर में देशी घी व सरसों के तेल का दीपक जलाया गया और आतिशबाजी भी की गई।

शाम को किया प्रसाद ग्रहण

देवोत्थानी एकादशी की शाम को गन्ने और शकरकंद के सेवन की परंपरा चली आ रही है। व्रती लोगों ने विधि-विधान से श्री हरि विष्णु का पूजन किया। घरों में खूब दीपदान किया गया तो कई इलाकों में बिजली की झॉलरों की आकर्षक सजावट की गई थी। इसके बाद प्रसाद के रूप में व्रतियों व उनके परिजनों ने गन्ना व शकरकंद प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। फिर चारों तरफ दिवाली सरीखा नजारा दिखाई देने लगा। देर शाम तक आतिशबाजी और पटाखों की गूंज सुनाई देती रही।

भव्यता के साथ निकली शोभायात्रा

एकादशी के दिन मालवीय नगर स्थित बाबा ताता राम पीली संगत से भगवान शालिकराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। पं। संतोष कुमार मिश्रा की अगुवाई में निकली शोभायात्रा भारती भवन, लोकनाथ, रानीमंडी, चौक, बहादुरगंज, सुलाकी चौराहा, रामभवन चौराहा, हटिया चौराहा होते हुए वापस पीली संगत पर पहुंचकर समाप्त हुई। रास्ते भर भगवान शालिकराम की प्रतिमा पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत करते रहे। वहीं शाहगंज स्थित श्री आनंद बिहारी जी महाराज राधा कृष्ण मंदिर में धूमधाम से तुलसी संग शालिग्राम का विवाह कराया गया। ढोल मजीरा की धुन पर मंदिर परिसर में मंगलगीत गाए गए।

Posted By: Inextlive