- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट संचालन पर विरोध के बावजूद मुश्किल नहीं

- बिना चर्चा के ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का भी इकलौता ठेका मिला

BAREILLY: प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए लागू हुई आचार संहिता से भले ही राजनीति के रसूखदारों को मुश्किलें आ रही हो, लेकिन नगर निगम के साथ जुड़ी नई एजेंसी के लिए यही आचार संहिता संजीवनी बन गई है। आचार संहिता लागू होने के बाद पार्षदों की ओर से दोबारा बोर्ड बैठक बुलाकर एजेंसी के साथ करार का प्रस्ताव रद करने की मांगे भी ठंडे बस्ते में चली गई हैं। ऐसे में न तो पार्षदों की ओर से दबाव बनाकर दोबारा बैठक बुलाए जाने की रणनीति ही कारगर रही, न ही नई एजेंसी से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चलाने के साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का जिम्मा भी लिए जाने की संभावना रह गई है। कुल मिलाकर नगर निगम प्रशासन की ओर से नई एजेंसी से गठजोड़ की कवायद को आचार संहिता की सुरक्षा भी मिल गई है।

प्लांट पर नया फैसला नहीं

28 दिसम्बर को निगम की बोर्ड बैठक में रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चलाने के लिए नई एजेंसी हरी-भरी रिसाइक्लेबल प्राइवेट लिमिटेड से करार पर हंगामा हो गया। प्लांट चलाने के मुद्दे पर पार्षद दो गुटों में बंट गए। हंगामे व मारपीट के बीच ही मेयर ने मोशन के बावजूद बिना वोटिंग कराए प्रस्ताव पास कर बैठक समाप्त कर दी थी। जिस पर 50 में से 40 से ज्यादा पार्षदों ने विरोध का रुख अपनाया है। निगम के जानकारों के मुताबिक प्लांट के प्रस्ताव पर बिना बोर्ड बैठक के कोई नया फैसला नहीं हो सकता। मार्च तक चुनाव की प्रक्रिया चलती रहेगी। इस बीच निगम एजेंसी के साथ मिलकर करार के तहत अपनी कार्यवाही शुरू कर सकता है।

डोर टू डोर का गिफ्ट

बोर्ड बैठक में प्लांट के संचालन के साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का ठेका भी प्रस्ताव में जुड़ा था। लेकिन प्लांट चलाने को लेकर मचे हंगामे में निगम की इस खस्ताहाल मुहिम पर किसी का भी ध्यान ही न गया। प्रस्ताव पास होने के बाद पार्षदों का भी सारा जोर प्लांट को लेकर ही रहा। जबकि बैठक में बिना चर्चा व आपत्ति के ही हरी-भरी एजेंसी को शहर में डोर टू डोर मुहिम का सारा ठेका दे दिया गया। मौजूदा समय में शहर में 7 अलग-अलग एजेंसियां डोर टू डोर से जुड़ी हैं। ऐसे में आचार संहिता के चलते प्लांट के अलावा डोर टू डोर पर भी एजेंसी फायदे में है। प्लांट की आड़ में एजेंसी के लिए बिना विवाद व विरोध के डोर टू डोर मुहिम का ठेका मिलना किसी गिफ्ट से कम नहीं।

- आचार संहिता में किसी भी नए प्रस्ताव पर न तो चर्चा हो सकती है, न ही फैसला किया जा सकता है। पार्षदों का विरोध अपनी जगह है, नियम के तहत चलना अपनी जगह। आचार संहिता के चलते ही रिवाइज्ड बजट बैठक भी फिलहाल रद कर दी गई है। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

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बजट बोडर् बैठक रद

- आचार संहिता में मेयर ने 9 जनवरी को होने वाली बैठक रद की

BAREILLY: आचार संहिता के चलते नगर निगम के खिलाफ पार्षदों के विरोध को दोहरा झटका लगा है। बोर्ड की सामान्य बैठक बुलाए जाने की संभावना खत्म होने के बाद आचार संहिता के चलते बजट की बोर्ड पर भी अड़ंगा लग गया है। नगर निगम में जनवरी को होने वाली बोर्ड की बैठक रद कर दी गई है। मेयर डॉ। आईएस तोमर ने आचार संहिता लगने से फ्राइडे को होने वाली बजट बोर्ड बैठक रद करने का आदेश दिया है। वहीं इसकी जानकारी सभी अधिकारियों व पार्षदों को दिए जाने के निर्देश दिए। इससे पहले यह बैठक 2 जनवरी को होने वाली थी।

तो जानबूझ कर बदली तारीख

जानकारों के मुताबिक बजट बैठक को 2 जनवरी से स्थगित कर आगे बढ़ाए जाने के पीछे भी एक सोची समझी योजना थी। दरअसल सपा व भाजपा पार्षदों के एक बड़े धड़े ने प्लांट के मुद्दे पर बजट बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। प्लांट का प्रस्ताव रद करने व इस प्रस्ताव पर दोबारा बुलाई गई बोर्ड की सामान्य बैठक में वोटिंग के जरिए फैसला करने की मांग पार्षदों ने की थी। ऐसा न करने पर 3.25 अरब के रिवाइज्ड बजट पर सदन में चर्चा के लिए पार्षद तैयार न थे। वहीं 2 जनवरी को पीएम मोदी की रैली के बाद से ही आचार संहिता लागू होने के कयास आम थे। ऐसे में बैठक को बिना किसी ठोस वजह के 2 जनवरी को स्थगित कर 9 जनवरी कर दिया गया।

Posted By: Inextlive