- चुनाव पूरा होने के बाद आंकड़ों में डेढ़ लाख से अधिक वोट का मिला अंतर

- कई जिलो में कहीं अधिक तो कहीं कम वोटों का मिला अंतर

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LUCKNOW: यह इलेक्शन कमीशन है। यहां इलेक्शन होने के बाद भी डाटा चेंज हो जाता है। यानी वोटिंग के समय कुल वोटर की संख्या और डाले गये वोटों की संख्या में एक माह बाद फेर बदल कर दिया गया। फेरबदल भी कुछ ऐसा किया गया कि पूरे प्रदेश में पहले दिये गये आंकड़ों में डेढ़ लाख से अधिक वोट एड कर दिये गये।

इलेक्शन के बाद अचानक कैसे बढ़ गये वोटर

इलेक्शन खत्म होने के बाद चुनाव आयोग की ओर से जो आंकड़े उनकी वेबसाइट पर दिये गये थे, उनमें प्रदेश में टोटल वोट क्फ् करोड़ 88 लाख ख्म् हजार ब्भ्0 थे। लेकिन इलेक्शन खत्म होने के बाद जब काउंट हुए वोट बढ़े तो इलेक्शन कमीशन ने आंकड़ों को दुरुस्त करने के चक्कर में मेन आंकड़ों में ही फेर बदल कर दिया। जिस इलेक्शन कमीशन के डाटा बेस में ख्भ् मई तक वोटर की संख्या क्फ् करोड़ 88 लाख ख्म् हजार ब्भ्0 थी, उसी इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर दो दिन पहले अपडेट किये गये आंकड़ों में वोटर की संख्या क्फ् करोड़ 89 लाख म्भ् हजार हो गयी। यानी इलेक्शन के बाद जब आयोग ने वोट गिने तो एक लाख फ्9 हजार फ्70 वोट का अंतर आ गया।

पोलिंग परसेंटेज में भी हो गया अंतर

क्ख् मई को हुए आखिरी फेज के चुनाव के बाद इलेक्शन कमीशन ने जो डाटा अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया था, उसमें प्रदेश में कुल वोट जो पड़े थे वह थे 8 करोड़ 9 लाख ख्म् हजार फ्78. लेकिन जब कांउटिंग हुई तो यह आंकड़े बढ़ कर हो गये 8 करोड़ दस लाख 9ख् हजार फ्0ख्। यानी एक लाख म्भ् हजार 9ख्ब् वोट अधिक गिने गये। इस गड़बड़ी का पता जब आयोग को चला तो आनन फानन में प्रदेश स्तर पर आंकड़ों को तुरंत चेंज कर दिया गया।

अंतर को मैनेज करने के लिए किया गया खेल

सोर्सेस की मानें तो प्रदेश के सभी 80 सीटों पर हुए इलेक्शन में आंकड़े पोल हुए वोट और काउंट हुए वोट में टैली नहीं कर रहे थे। इसकी जानकारी जब आयोग के अधिकारियों को हुई तो आंकड़ों में फेर बदल का खेल शुरू हो गया।

सर्विस वोटर का खेल तो नहीं?

इलेक्शन कमीशन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो आंकड़ों का डिफरेंस सर्विस वोटर की वजह से आया है। अगर इसे सही भी मान लिया जाए तो उन जिलों में क्या हुआ जहां वोट अधिक डाले गये और गिनती कम वोटों की हुई। उदाहरण के तौर पर आगरा में जो वोटिंग के दूसरे दिन आंकड़े दिये गये थे, उसके मुताबिक कुल क्0 लाख 70 हजार 9भ्क् वोटर्स ने अपने वोट का इस्तेमाल किया था। लेकिन काउंटिंग में भ्भ्क् वोट कम गिने गये। इलेक्शन कमीशन ने भी इस आंकड़ों को दुरुस्त करने के लिए टोटल डाले गये वोट को काउंटिंग किये गये वोट से मैच कराते हुए वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया।

किस जिले में कितना अंतर

वोट पड़ने के बाद और गिनती के बाद जारी किये गये आंकड़ों में अंतर कुछ इस तरह रहा।

लखनऊ में - ख्फ्फ्ब् वोट अधिक हो गये

कानपुर में - ख्80 वोट अधिक हो गये

वाराणसी में -क्9ख्ख् वोट अधिक हो गये

आगरा में भ्भ्क् वोट कम हो गये

बरेली में क्0क् वोट कम हो गये

गोरखपुर में क्भ् वोट कम हो गये

मेरठ में 9म्0 वोट अधिक हो गये

इलाहाबाद में क्क्89 वोट अधिक हो गये

Posted By: Inextlive