-तीन सीटों पर नए फार्मूले के साथ उतरे हैं दल

-दो सीटों पर है पिछले चुनाव की सी स्थिति

DEHRADUN: चुनावी समर में प्रत्याशियों के चयन में इस बार पहाड़-मैदान के समीकरणों को ध्यान में रखा गया है, जबकि पिछले चुनाव में ऐसी स्थिति अपवादस्वरूप एकाध सीट पर ही थी। इसके चलते दून शहर की सीटों पर वोटरों के धु्रवीकरण के प्रयास तेज हो गए हैं। प्रमुख सियासी दल बीजेपी और कांग्रेस इस कोशिश में जुट गए हैं। हालांकि देखना ये ही होगा कि सियासी दलों की तिकड़म पर आम वोटर क्या सोचता है। किस तरह का उसका फैसला सामने आता है।

सुरक्षित सीट पर भी चला फार्मूला

दून की सुरक्षित राजपुर सीट हो या फिर कैंट, सहसपुर जैसी सामान्य सीट हर जगह पहाड़ मैदान का फार्मूला चला गया है। यानी किसी पार्टी ने पर्वतीय मूल का उम्मीदवार खड़ा किया है, तो दूसरा तलाशकर मैदानी चेहरा सामने लाया है। राजपुर सीट पर पिछले चुनाव में कांगे्रस से राजकुमार और बीजेपी से रविंद्र कटारिया दोनों ही मैदानी मूल के थे। इस बार राजकुमार से टक्कर के लिए पर्वतीय मूल के खजानदास को बीजेपी सामने ले आई है।

सहसपुर, कैंट में बदलेंगे समीकरण

सहसपुर सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी ने सहदेव सिंह पुंडीर को खड़ा किया था, तो जवाब में कांग्रेस ने भी मैदानी क्षेत्र के आर्येद्र शर्मा को उतारा था, लेकिन इस बार सहदेव पुंडीर के मुकाबले पर्वतीय मूल के पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय को खड़ा किया गया है। इसी तरह, पिछली बार कैंट सीट पर बीजेपी के हरबंस कपूर और कांग्रेस के लालचंद्र शर्मा दोनों मैदानी क्षेत्र से थे, लेकिन इस बार कांग्रेस हरबंस कपूर के सामने पर्वतीय क्षेत्र के सूर्यकांत धस्माना को ले आई है।

रायपुर, धर्मपुर में पिछली सी स्थिति

दून की रायपुर और धर्मपुर सीट पर उम्मीदवारों के मामले में पिछले बार की सी स्थिति है। रायपुर में पिछली बार जहां कांग्रेस से उमेश शर्मा उम्मीदवार थे, वहीं बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को उतारा था। इस बार उमेश शर्मा बीजेपी प्रत्याशी हैं और कांग्रेस ने प्रभुलाल बहुगुणा को उम्मीदवार बनाया है। धर्मपुर में कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल के सामने बीजेपी के प्रकाश सुमन ध्यानी थे, तो इस बार विनोद चमोली मुकाबला कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive