- पोलिंग के दौरान नहीं हो पाएगी आनलाइन मॉनिटरिंग

- अधिकारियों ने फोड़ा एक-दूसरे विभागों पर ठीकरा

आगरा। चुनावी महाभारत में इलेक्शन कमीशन के अधिकारी अब संजय की भूमिका नहीं निभा पाएंगे। इसका कारण बना है बीएसएनएल। दरअसल संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर वेबकास्टिंग के जरिए मुख्यालय में ही बैठकर अधिकारी नजर रख सकेंगे। लेकिन बीएसएनएल की लाइन में फॉल्ट होने के कारण 50 से अधिक बूथों में वेबकास्टिंग की समस्या खड़ी हो गई है। वहीं चुनाव में बाधा बने बीएसएनएल के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाए एक-दूसरे विभाग पर गलती मढ़ रहे हैं।

ग्वालियर रोड पर कटी केबल

बीएसएनएल की केबल ग्वालियर रोड में बिछी है। इसके इटौरा एक्सचेंज की रोहता से सेवला के बीच केबल में फाल्ट कई दिनों से है। इससे पिछले पांच दिनों से कई बैंकों की नेटवर्किग, उपभोक्ताओं के मोबाइल और फोन के साथ जनसूचना केंद्र प्रभावित थे। इसे अब तक दुरुस्त नहीं किया गया है और 11 फरवरी को मतदान है। इससे इस लाइन पर डिपेंड गांवों के 50 से अधिक बूथों पर वेबकास्टिंग की समस्या खड़ी हो गई है। एक दिन बाद चुनाव होने के कारण अधिकारियों के भी हाथ-पैर फूलने लगे हैं। हालांकि वे अब जल्दी से जल्दी फाल्ट सुधारने का दम भर रहे हैं।

252 बूथों पर होनी है वेबकास्टिंग

जिन बूथों में मतदान के दौरान हिंसा की आशंका है। ऐसे संवेदन और अतिसंवेदनशील 252 बूथों की वेबकास्टिंग की जाएगी। इससे इन बूथों की हर एक्टिविटी पर पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी।

पांच दिनों से खराब है लाइन

ये लाइन पिछले पांच दिनों से खराब है। बीएसएनएल के अधिकारी चुनाव नजदीक होने के बाद भी लाइन सुधारने के लिए गंभीर नहीं हुए। इस वजह से वेबकास्टिंग में रोड़ा बन गए।

वोडाफोन और ईस्ट बीएसएनएल से चलाने का दावा

बीएसएनएल के अधिकारी का कहना है कि वेबकास्टिंग के लिए वोडाफोन और ईस्ट बीएसएनएल के सिम का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन दोनों के लिए नेटवर्क इसी आप्टिकल फाइबर केबल से मिलेगा। इसका जवाब नहीं है।

ऐसे काम करता है वेबकॉस्टिंग

बूथों के अंदर और बाहर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। इन्हें इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। इन बूथों की लाइव मॉनिटरिंग के लिए 'पोलिंग डे मॉनिटरिंग सिस्टम' को विशेष रूप से तैयार किया है.इसी के माध्यम से पल-पल की जानकारी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम में मिलती रहेगी। यहां पर कई स्क्रीन से बूथों के कामकाजों पर नजर रखने के साथ रिकॉर्डिग की जाएगी। इन बूथों को कंट्रोल रूम से कंट्रोल भी किया जाएगा।

लापरवाही से उपभोक्ता परेशान

बीएसएनएल का नेटवर्क सबसे बड़ा है। इसके साथ ही मानव संसाधन से लेकर लाव-लश्कर भी बहुत बड़ा है। इसके बाद भी बीएसएनएल की सर्विस बेहतर होने के बजाए खराब हो रही हैं। हमेशा नेटवर्क की दिक्कत रहती है। यही कारण है कि उपभोक्ताओं का मोह बीएसएनएल से भंग हो रहा है।

Posted By: Inextlive