मौत को दावत दे रहीं बिजली की नंगी तारें
-शहर के सबसे व्यस्त इलाके मेन रोड से लेकर सुजाता चौक तक तारों का जाल
-एक पोल से 100-150 लोगों को बिजली कनेक्शन -लापरवाह विभाग को बड़े हादसे का इंतजार mayank.rajput@inext.co.in RANCHI(1 July): पिछले दिनों बिजली तार की चपेट में आकर चुटिया में एक मासूम की जान चली गई। पर ऐसा नहीं है कि शहर के अन्य इलाकों में यह खतरा नहीं है। बल्कि, राजधानी के सबसे व्यस्ततम मेन रोड से लेकर सुजाता चौक तक जगह-जगह बिजली की नंगी तारें मौत को दावत दे रही हैं। संकरी गलियों से लेकर बड़े-बड़े मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स के पास तारों का जाल बिछा हुआ है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। जिन जगहों पर हर दिन हजारों लोगों का आना-जाना लगा हुआ है, वहीं पर सिर के ऊपर 'मौत' मंडरा रही है। लेकिन, अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं। जैसे किसी बड़े हादसा का इंतजार हो।पूरा मेन रोड नंगी तारों की चपेट में
मेन रोड के सर्जना चौक से लेकर डेली मार्केट तक बिजली की नंगी तारों का जाल बिछा हुआ है। डेली मार्केट रोड के दोनों साइड तारें झूल रही हैं। इसके अलावा रोस्पा टावर के पास सबसे अधिक तारों का जंजाल है, दोनों साइड तार ऐसे लटक रहे हैं, जिससे किसी दिन भी कोई हादसा हो सकता है। मेन रोड के अलावा चर्च रोड और थड़पखना में भी तारें लटक रही हैं। जबकि सबसे अधिक भीड़ इन्हीं जगहों पर रहती है। मेन रोड जहां रांची सहित पूरे राज्य से लोग मार्केटिंग करने पहुंचते हैं।
संकरी जगहों पर ज्यादा खतरा मेन रोड में सबसे अधिक संकरी गली जहां है, वहां सबसे अधिक नंगी तारें लटक रही हैं। चर्च रोड में तारों का जाल लगा हुआ है। डेली मार्केट की संकरी गलियों में भी नंगी तारें झूल रही हैं। थड़पखना में भी तारों के कारण लोगों के मन में हमेशा डर बना रहता है। अपार्टमेंट के सामने लटक रही तारें थड़पखना में एक अपार्टमेंट के सामने ही नंगी तारें झूल रही हैं। आलम यह है कि अपार्टमेंट के सामने बालकनी में लोग खड़े तक नहीं हो सकते हैं। सामने से तार गुजर रहा है। उस अपार्टमेंट से निकलने वाले लोगों को हमेशा डर लगा रहता है। कई बार विभाग को लिखकर दिया गया है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हाे पाया है। आंधी-तूफान में हादसे का डरमेन रोड में पोल पर लटकी तारों के कारण हर दिन खतरा बना रहता है। दोनों साइड फुटपाथ पर लोग सब्जी से लेकर ठेला लगाते हैं, उनके ऊपर कभी भी खुली तारें गिरने का डर बना हुआ है। सबसे अधिक डर उस समय होती है, जब आंधी-तूफान आता है। बिजली विभाग के लोग समय-समय पर लाइट काट कर अपनी मौजूदगी का अहसास तो कराते हैं, लेकिन बिजली के इन खुले तारों की ओर किसी का ध्यान नहीं है। आंधी-तूफान आने पर फुटपाथ के लोग वहां से भागने को ि1ववश हैं।
बॉक्स ग्रुप। अंडर ग्राउंड केबलिंग ठंडे बस्ते में सरकार राजधानी में अंडर ग्राउंड केबल बिछाने की घोषणा कर चुकी है। कैबिनेट से इसे अप्रूवल भी मिल चुका है। नगर विकास विभाग को यह काम पूरा करना है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। अब सरकार के दावे के अनुसार, इस काम को पूरा करने में पांच साल से अधिक समय लगेगा। अभी तक कोई निर्णय ही नहीं हाे पाया है। ट्रांसफॉर्मर लगाने की जगह नहींबिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मेन रोड में हमलोगों को ट्रासंफारमर लगाने के लिए जगह नहीं दी जा रही है। कम जगह होने के कारण लोग पोल पर से ही अपने घरों में कनेक्शन ले जा रहे हैं। इस कारण एक पोल से क्00 से क्भ्0 लोग तार खींच रहे हैं। नतीजन तारों का जाल बिछ गया है।
. वर्जन थड़पखना गली में तारों का जाल लटक रहा है। ऊपर खुली नंगी तारों के कारण हमेशा डर बना रहता है। बिजली विभाग के लोग हमेशा यहां आते हैं। देखते हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है। -राजेश कुमार गुप्ता, थड़पखना राजधानी में अगर तारों का यह हाल है, तो दूसरे जिलों की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। थड़पखना में हमलोगों की कॉलोनी में नंगी तारें झूल रही हैं। लेकिन, बिजली विभाग अनजान बना हुआ है। रौशन वर्मा, थड़पखना हमलोगों की दुकान मेन रोड डेली मार्केट में है। लेकिन नंगी तारों के कारण हमेशा डर लगा रहता है। डेली मार्केट में हजारों लोग हर दिन पहुंचते हैं। कहीं कोई हादसा ना हो जाए, इसका डर हमेशा बना रहता है। -मो शमीम, डेली मार्केट मेन रोड में जगह नहीं मिल रहा है, ताकि एक कॉलोनी में ट्रांसफारमर लगा कर घरों तक पोल से बिजली का कनेक्शन दिया जा सके। एक ही पोल से बहुत सारे लोग दूर-दूर तक कनेक्शन ले जा रहे हैं। इस कारण परेशानी हो रही है। -अजीत कुमार, सुपरीटेंडिंग इंजिनीयर, रांची सर्किल