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नंबर गेम

- 88 करोड़ रुपए खर्च किए गए बिजली व्यवस्था सुधारने पर

- 150 ट्रांसफॉर्मर्स सिटी के हैं ओवरलोडेड

- 2 साल में तेजी से हुआ है शहर का विस्तार

- 10 हजार नए कनेक्शन दिए गए हैं सिर्फ 2 साल में

- 250 केवीए का ट्रांसफॉर्मर मोहद्दीपुर लेबर कॉलोनी के सामने एक साल पहले लगा लेकिन अभी तक चालू नहीं

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- स्काडा के 88 करोड़ खर्च होने के बाद भी कई एरियाज में लो वोल्टेज की प्रॉब्लम

- 150 ट्रांसफॉर्मर पर अधिक लोड, जो नए ट्रांसफॉर्मर्स लगाए गए वे चालू नहीं किए गए

 

GORAKHPUR: गोरखपुर की बिजली व्यवस्था सुधारने के स्काडा योजना के तहत एक, दो नहीं, 88 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। कई एरियाज में अधिक लोड को देखते हुए नए ट्रांसफॉर्मर्स लगाए गए लेकिन उन्हें अभी तक चालू नहीं किया गया। इस कारण सिटी में इस समय भी करीब 150 ट्रांसफॉर्मर्स ओवरलोड की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं। वहीं इस कारण पब्लिक लो वोल्टेज से लेकर फॉल्ट की समस्या से दो-चार हो रही है। लगातार फॉल्ट की वजह से कटौती ने लोगों को परेशान कर रखा है।

 

बाहरी एरियाज में अधिक प्रॉब्लम

बीते दो साल में शहर का तीन गुना विस्तार हुआ है। इसका लाभ सबसे अधिक बिजली विभाग को मिला। इस दौरान बिजली विभाग ने लगभग 10 हजार नए कनेक्शन दिए। इससे इन एरियाज में वर्षो से लगे ट्रांसफॉर्मर पर और अधिक लोड बढ़ गया। करीम नगर के पीछे ग्रामीण एरिया पड़ता है, जो नगर निगम में तो आता है, लेकिन बिजली विभाग के दायरे में यह ग्रामीण एरिया में आता है। यहां आसपास ही दो ट्रांसफॉर्मर लगे हैं। 100-100 केवीए के दोनों ट्रांसफॉर्मर्स ओवरलोड हैं। वहीं बिछिया पीएसी गेट और हनुमान मंदिर के पास भी ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड होने के कारण एरिया में लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। कुछ यही हाल हुमायूंपुर में भी है। यहां लगभग एक हजार से अधिक घरों में बिजली सप्लाई के लिए तीन ट्रांसफॉर्मर्स लगे हैं। यह तीनों ओवरलोड हो चुके हैं। इसके अलावा नेताजी सुभाषचंद्र बोस नगर, रसूलपुर और नकहा एरिया में भी लगभग 20 ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड हो चुके हैं।

 

शहर के अंदर भी दिक्कत

ओवरलोड हो चुके ट्रांसफॉर्मर्स के चलते शहर के अंदर भी स्थिति खराब हो चुकी है। इन एरियाज में लोड कम करने के लिए स्काडा योजना के तहत एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नए ट्रांसफॉर्मर लगाने का कार्य भी किया गया लेकिन ये नए ट्रांसफॉर्मर अभी तक चालू नहीं हो पाए हैं। जिस कारण पुराने ट्रांसफॉर्मर्स से ही सप्लाई हो रही है। वहीं, मोहद्दीपुर लेबर कॉलोनी के सामने एक साल पहले 250 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया जो अभी तक चालू नहीं हो सका है। इसी तरह राप्तीनगर चौराहा, सुडि़या कुआं, राप्तीनगर फेज 2 के पार्क के पास दो ट्रांसफॉर्मर लगे हैं, लेकिन अभी तक चालू नहीं हो पाए।

 

वर्जन

ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर्स की गिनती की जा रही है। कुछ तकनीकी प्रॉब्लम के कारण कुछ एरियाज में ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर्स रह गए हैं। उनकी क्षमता वृद्धि की जा रही है।

- एके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन

Posted By: Inextlive