देहरादून: ऊर्जा निगम में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी विद्युत दरों में इजाफा होने वाला है। यह इजाफा पिछले दस सालों में उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली की कीमत में वृद्धि के बराबर हो सकता है। प्रबंधन इसका खाका बनाने में जुट गया है।

यूपीसीएल में अधिकारियों और कर्मियों को केवल फिक्स्ड चार्ज के आधार पर ही बिजली का बिल भुगतान करना होता था। इस यूनिट की सीमा अलग-अलग पद के अनुसार होती है। इस फिक्स चार्ज में 2009 के बाद से कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। न ही बिजली की यूनिट की सीमा में कोई बढ़ोत्तरी हुई। पिछले दिनों शासन ने इस रियायत पर मिलने वाली बिजली की सुविधा खत्म करने का फैसला किया। इस पर कर्मचारी संगठनों ने विरोध भी जताया था। इधर, यूपीसीएल प्रबंधन ने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इस पर कर्मचारी संगठनों से भी वार्ता कर सहमति ली गई है। इसमें तय हुआ है कि 2009 के बाद से अब तक जिस दर से उपभोक्ताओं के लिए बिजली की कीमतें बढ़ाई गई, स्टाफ के लिए भी उसी अनुसार बढ़ोत्तरी की जाए। संभावना है कि दो रुपये प्रति यूनिट तक वृद्धि हो सकती है। वहीं, बिजली उपभोग की सीमा को लेकर भी मंथन किया जा रहा है। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि विभागीय कर्मियों को दस साल से जो छूट दी जा रही थी, उसे अब खत्म करने पर विचार किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive