- बिजली विभाग नहीं ले रहा सुध, बढ़ रही घटनाएं

GORAKHPUR: सिटी की तमाम कॉलोनीज हाईटेंशन तारों के नीचे बसी हैं लेकिन बिजली विभाग है कि जानलेवा खतरे के नीचे रह रहे लोगों की सुध ही नहीं ले रहा। मोहद्दीपुर एरिया की कई कॉलोनीज भी यही दिक्कत झेल रही हैं। जहां इन तारों की चपेट में आने से किसी की जान जा रही है तो किसी के घर में आग लेने की घटनाएं भी हो रही हैं। जबकि बिजली निगम के पास इन घटनाओं का कोई आंकड़ा तक नहीं है कि एचटी लाइनों के नीचे कितने घर बनाए गए हैं। हादसा होने के बाद जिम्मेदार नोटिस देकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

नहीं रोका निर्माण, हादसा होने पर जागते

मोहद्दीपुर एरिया में कई जगहों से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है और उसकी देखरेख कंपनी लगातार कर रही है। लेकिन लाइन के नीचे बन रहे मकानों का निर्माण आज तक न तो रोकने का प्रयास किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई। हादसे होने के बाद कंपनी के जिम्मेदार अफसर यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि हमने कोई एनओसी मकान बनाने के लिए नहीं दी है।

400 लोगों ने नियम विरुद्ध बनाया मकान

बरहुआ ट्रांसमिशन से शहर के मोहद्दीपुर 132 केवी तक आने वाले 17 किमी हाईटेंशन तारों के नीचे करीब 400 लोगों ने नियम विरुद्ध मकान बना लिए हैं। ट्रांसमिशन की तरफ से इनमें 96 कंज्यूमर्स को नोटिस भी भेजी जा चुकी है। उधर बिजली अधिकारी काफी घनी आबादी वाली जगहों से हाईटेंशन लाइन के तार हटाने के पीछे खर्च की दुहाई देते हैं। एक तर्क यह भी दिया जाता है कि लाइन जिस खाली जगह शिफ्ट की जाएगी आने वाले समय में वहां भी निर्माण हो जाएंगे। ऐसे में परेशानी बनी रहेगी।

हाईटेंशन लाइन का मानक

- सड़क से 5.8 मीटर ऊंचे हों

- घर की छत से 3.7 मीटर ऊपर होना जरूरी

- सड़क से गुजर रहे तार पर गार्डिग अनिवार्य

- रेलवे लाइन के पास एचटी लाइन नहीं गुजर सकती

- सार्वजनिक स्थान से दूर हो

- आबादी वाले एरिया में इंसुलेटेड एचटी तार का प्रयोग हो।

-132 केवी एचटी लाइन से 35 मीटर दूर मकान बनें

- 220 केवी एचटी लाइन के 35 मीटर दूर घर बनें

वर्जन

जिनके घरों के ऊपर से लाइन खींची गई है अगर वे लाइन को आसपास किसी और जगह शिफ्ट करवाना चाहते हैं तो इस्टीमेट तैयार कराकर निगम में धनराशि जमा कराएं, लाइन शिफ्ट कर दी जाएगी।

- यूसी वर्मा, एसई शहरी

Posted By: Inextlive