क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : सरकार बिजली की बचत करने को लेकर तरह-तरह की योजनाएं बना रही है. वहीं घरों में लोगों को रूफ टॉप सोलर सिस्टम इंस्टाल करने की सलाह भी दी जा रही है ताकि जरूरत की बिजली हर किसी को मिल सके. लेकिन लोगों को सलाह देने वाली सरकार के ही भवनों में आज भी पीली बत्ती जल रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूसरों को नसीहत देना तो आसान होता है. लेकिन जब खुद पे आती है तो सच्चाई का पता चलता है. कुछ ऐसी ही स्थिति राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल की है, जहां आज भी पीली बत्ती जल रही है. इससे हजारों यूनिट बिजली की बर्बादी हो रही है.

पीली बत्ती वाला बल्ब बढ़ा रहा बिजली का बिल

हॉस्पिटल की गैलरी से लेकर कई वार्डो में भी 100-100 वाट के पीले बल्ब लगे हैं, जिससे कि बिजली की बर्बादी हो रही है. इतना ही नहीं, ये बल्ब सुबह से लेकर रात तक जलते ही रहते हैं. इससे बिजली का बिल भी बढ़ रहा है. जबकि प्रबंधन ने दो साल पहले ही सभी पीली लाइट वाले बल्ब को एलइडी बल्ब से रीप्लेस करने का आदेश दिया था. लेकिन आजतक पीले लाइट वाले बल्ब को नहीं बदला जा सका है. वहीं फ्यूज होने के बाद भी वापस पीली लाइट वाला बल्ब ही लगा दिया जाता है.

एक बल्ब की एनर्जी से जलेंगे 10 एलईडी बल्ब

हॉस्पिटल में लगी पीली लाइट का बल्ब 100 वाट करेंट कंज्यूम करता है. अगर इस बल्ब को बदल दिया जाए तो एक बल्ब की एनर्जी में दस एलईडी बल्ब रोशन हो सकते हैं. इससे जहां बिजली की बचत होगी. वहीं बिल में भी कमी आएगी. इतना ही नहीं, एलइडी बल्ब के लिए एक साल की गारंटी भी दी जाएगी, जिससे कि हर बार बल्ब पर किए जाने वाला खर्च भी कम हो जाएगा.

Posted By: Prabhat Gopal Jha