Jamshedpur: बिजली रहे या न रहे सिटी के नन कंपनी एरिया में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बरकरार हैं. पावर न रहने पर थोड़ी मुश्किलें झेल किसी तरह काम चल जाता है पर दम तोड़ चुके पोल पर लटके जर्जर तार अक्सर बड़ी मुसीबतें लेकर आता है. जेएसईबी पावर सप्लाई एरिया में कई जगहों पर तार और पोल्स की कंडीशन इतनी खराब हो चुकी है कि अक्सर किसी हादसे का खतरा बना रहता है.

हर तरफ है खतरा
कई इलाकों में तार में हुकिंग कर की जाने वाली बिजली चोरी की वजह से समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ये लापरवाही अक्सर छोटी-बड़ी एक्सीडेंट्स का कारण बनती है पर इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा इसे दुरुस्त करने के लिए कोई गंभीर पहल नहीं की जाती।

अक्सर गिरती है तार
एक तो यहां रेग्यूलर बिजली रहती नहीं, कई बार सप्लाई होने के बाद भी सभी घरों में बिजली नहीं पहुंच पाती। कदमा के रहने वाले गिरीश ने बताया कि कभी ट्रांसफार्मर में गड़बड़ी तो कभी वायर टूटने जैसे लोकल फॉल्ट्स की वजह से अक्सर पावर कट होते हैं। बरसात के दिनों में तो प्रॉब्लम और भी बढ़ जाती है। तेज बरसात और हवा में अक्सर कहीं-न-कहीं तार टूटने की घटनाएं होती हैं। पुरुलिया रोड के रहने वाले राघव पंडित ने कहा कि बरसात के दिनों में तार टूटकर गिरना रोज की बात है।

नहीं होती regular maintainance
डिपार्टमेंट द्वारा पोल और वायर्स की कंडीशन की रेग्यूलर चेकिंग और मेंटेनेंस जैसे काम भी प्रोपर तरीके से नहीं किया जाता है। खुद से चेकिंग करने की बजाय डिपार्टमेंट इसके लिए लोगों से मिलने वाली शिकायतों पर ही निर्भर रहता है। एग्जिक्यूटिव इंजीनियर अभय सिंह ने बताया कि लोगों से कंप्लेन मिलने पर जांच की जाती है और जरुरत समझे जाने पर वायर चेंज किया जाता है। वहीं प्रोपर तरीके से काम ना होने पाने के लिए मैनपावर की कमी को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है।
बी मरांडी ने कहा कि मानगो सब डिवीजन में करीब 50 हजार कंज्यूमर है। उन्होंने बताया कि इतने कनेक्शन्स को देखने के लिए करीब 100 स्टॉफ चाहिए पर प्रेजेंट में यहां करीब 12 पर्मानेंट और टेंपररी कर्मचारी मौजूद है। उन्होंने कहा कि मैनपावर की इस कमी की वजह से काफी दिक्कतें आती है।

सालों तक नही बदले जाते wire
अक्सर होने वाले घटनाओं के बावजूद इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा बिजली के खराब हो चुके तारों को बदलने की तकलीफ नही की जाती। डिपार्टमेंट द्वारा इसके लिए रिसोर्सेज की कमी को जिम्मेदार ठहराया जाता है। मानगो सबडिवीजन के एसडीओ बी मरांडी ने कहा कि आमतौर पर वायर्स की लाइफ दस साल की होती है, वही लोड ज्यादा होने पर ये पीरियड और भी घट जाता है। पर उन्होंने कहा कि यहां कई जगहों पर तारों को लंबे समय तक इस्तेमाल करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई बार डिमांड करने पर वायर अवेलेवल नहीं हो पाता। जिसकी वजह से खराब तारों को बदलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा की कई बार वायर्स की मांग करने पर मिलने में दो-दो महीने का वक्त लग जाता है। उन्होंने बताया कि प्रेजेंट में भी 11 केवी के तार नही मौजूद है।

 

Posted By: Inextlive