81 मेगावॉट एक्स्ट्रा बिजली मिलने पर बरेली में 24 घंटे होगी सप्लाई
- बिजली विभाग ने शासन को भेजी बिजली की डिमांड रिपोर्ट
- भरपूर बिजली सप्लाई के लिए विभाग बैठा है तैयार बशर्ते मिले बिजली BAREILLY: बरेली को 81 मेगावॉट बिजली और मिलने लगे तो डिस्ट्रिक्ट में 24 घंटे सप्लाई का सपना पूरा हो जाएगा। फिलहाल, चीफ मिनिस्टर आदित्यनाथ योगी के निर्देश के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने डिमांड की डिटेल्स तैयार कर भेज दिया है। बरेली जोन से 1569 मेगावॉट की डिमांड शासन को भेजी गई है। यदि 1569 मेगावॉट बिजली मिले तो जोने के लोगों को भरपूर बिजली मिल सकेगी। बरेली जिले को चाहिए 597 मेगावॉट बिजलीबरेली जोन में चार जिले आते हैं। इनमें बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत जिला शामिल है। इन चारों जिलों में से सबसे अधिक बिजली की जरूरत बरेली में हैं। यहां की जनता को भरपूर बिजली सप्लाई के लिए 597 मेगावॉट बिजली की जरूरत हैं। फिलहाल जिले को 516 मेगावॉट बिजली ही मिल रही हैं। आंकड़ों पर गौर करें, तो 81 मेगावॉट बिजली की और आवश्यकता जिले को होगी। इसी क्रम में जोन के अंतर्गत आने वाले बदायूं को 488, शाहजहांपुर को 337 और पीलीभीत को भरपूर बिजली सप्लाई के लिए 147 मेगावॉट बिजली की जरूरत पड़ेगी।
निर्बाध सप्लाई के लिए तैयारनिर्बाध बिजली देने के लिए बिजली विभाग पूरी तरह से तैयार बैठा है। अधिकारियों का कहना है कि उसे डिमांड के मुताबिक बिजली मिलती है, तो वह उसे निर्बाध सप्लाई करने में सक्षम है। उनका इंफ्रास्ट्रक्चर 24 घंटे बिजली सप्लाई के लिए परफेक्ट है। नए सब स्टेशन बनने के साथ ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाए जाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। जर्जर लाइनें भी बहुत हद तक बदली जा चुकी है। होली पर हुए 24 घंटे बिजली सप्लाई से इस बात की पुष्टि हो गई है। अब देखने वाली बात यह है कि बरेली जोन से भेजे गए डिमांड के मुताबिक शासन बिजली मुहैया करा पाता है या नहीं। फिलहाल बिजली विभाग ने जून 2017 में होनी वाली बिजली की डिमांड की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दिया है।
एक नजर जिले पर आंकड़े मेगावॉट में हैं शहर डिवीजन - वर्तमान - जरूरत होगी फर्स्ट - 80 - 90सेकंड - 48 - 60
थर्ड - 80 - 90 फोर्थ - 46 - 51 ग्रामीण फर्स्ट - 81 - 98 बहेड़ी - 63 - 76 सेकेंड - 118 - 132 जिला बरेली - 516 - 597 जोन में 1569 और जिले को 597 मेगावॉट बिजली की जरूरत होगी। भरपूर बिजली सप्लाई के लिए कितनी डिमांड है इसकी रिपोर्ट बना कर शासन को भेज दी गई है।राजकुमार अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग बरेली