- पीएफ घोटाले को लेकर 45 हजार बिजली कर्मचारियों का 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार शुरू

पीएफ घोटाले को लेकर आंदोलित बिजली कर्मियों ने सोमवार से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। हालांकि इस दौरान बिजली आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा। 48 घंटे के कार्य बहिष्कार में करीब 45 हजार बिजली कर्मियों ने काम नहीं किया। इस दौरान उन्होंने मांग की है कि पीएफ पेमेंट की जिम्मेदारी लेकर सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी करे। साथ ही घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व चेयरमैन व अन्य जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाये।

दिन भर चलता रहा विरोध प्रदर्शन

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार से सरकार न चेती तो मजबूरन शिफ्ट में कार्यरत बिजली कर्मी भी आन्दोलन में शामिल हो जाएंगे। सोमवार को एमडी कार्यालय के मुख्य द्वार पर सुबह आठ बजे से ही बिजली कर्मचारी व अभियन्ता बिजली घरों और दफ्तरों से काम छोड़कर निकल गये। इसके बाद पूरा दिन विरोध प्रदर्शन करते रहे।

भुगतान नहीं गारंटी की है मांग

समिति के पदाधिकारियों ने 48 घंटे के कार्य बहिष्कार के लिए प्रबन्धन व नौकरशाहों के हठवादी रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। विरोध में शामिल कर्मचारियों का कहना है कि पीएफ घोटाले में डूब गयी 26 अरब रूपये की धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी लेकर प्रदेश सरकार को गजट नोटिफिकेशन जारी करने से रोकने में सबसे बड़ी भूमिका ऊर्जा विभाग के नौकरशाहों की है। जो सरकार को गुमराह कर रहे हैं।

डीएम, एसएसपी ने की बात

इस बारे में डीएम, अपर आयुक्त (प्रशासन), एसएसपी एवं एडीएम ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से एमडी ऑफिस में बात की। समिति के पदाधिकारियों ने पीएफ घोटाले के पूरे प्रकरण और कार्य बहिष्कार से अवगत कराया। आयोजित विरोध सभा में आरबी यादव, जय शंकर राय, आर के वाही, चंद्रशेखर चौरसिया, मायाशंकर तिवारी, आर बी सिंह, सुनील यादव, शशि किरण मौर्य आदि उपस्थित रहे। संचालन राजेंद्र सिंह और अध्यक्षता मनीष श्रीवास्तव ने किया।

Posted By: Inextlive