RANCHI: इलेक्ट्रॉनिक्स वेस्ट से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर आरडीसीआईएस सेल रांची समेत देश के 8 शहरों में जागरूकता अभियान चला रहा है। नैसकॉम फाउंडेशन के सहयोग से इलेक्ट्रोनिक्स कचरे को हटाने का अभियान रांची सेल ने शुरू किया है। अभियान रांची सहित भुवनेश्वर, कोलकाता, मुरादाबाद, पटना, पांडिचेरी, इंदौर व गुवाहाटी में चल रहा है।

साढ़े तीन माह चलेगा अभियान

स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह अभियान शुरू किया गया है। देश में साफ -सफाई अभियान के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक कचरे की विकराल समस्या खड़ी हो गई है। करोड़ों टन इलेक्ट्रॉनिक कचरे का पहाड़ बनता जा रहा है। इसको लेकर पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया की पहल के तहत नैसकाम सहित अन्य तीन संगठनों को पायलट परियोजना से जोड़ा गया है। यह अभियान रांची में क्भ् दिसंबर से ही शुरू हो गया है जो फ्क् मार्च तक चलेगा। फाइनल रिपोर्ट क्क् अप्रैल को पेश की जाएगी। इसके बाद पर्यावरण व वन मंत्रालय, एमआईटी व राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निष्पादन सही ढंग से करने का प्रॉसेस शुरू करेंगे।

स्कूल, कॉलेज व बाजार में अभियान

आरडीसीआईएस सेल के महाप्रबंधक एके पॉल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कचरे से होने वाले प्रभाव और इसकी समस्या को दूर करने के लिए शहर के स्कूल, कॉलेज और इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों मे अभियान शुरू किया या है। बताया कि हर वर्ष फ्0 हजार टन वजन के चार्जर कचरे केरूप में बिखर जाते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर, लैपटॉप सहित जितने भी इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम कचरा बनते हैं, वो पर्यावरण और स्वास्थ के लिए परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं।

रांची में भी इलेक्ट्रॉनिक्स कचरे का अंबार

रांची में इलेक्ट्रॉनिक कचरे का अंबार है। यहां मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों का बड़ा बाजार है। शहर में भारी मात्रा में ऐसे कचरे जमा होते रहते हैं। यहां पुराने टेलीविजन, मोबाइल, मोबाइल चार्जर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों के कचरे ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर दिया है।

Posted By: Inextlive