डालमा वन्यजीव अभयारण्य के आसपास के गांवों में कई दर्जन हाथियों के झुंडों ने जमकर तांडव मचा रखा है इससे चारो और लोगों में दहशत फैल गई है।

Jamshedpur: दलमा क्षेत्र में 53 हाथी तीन झूंड में घूम रहे हैं। ये तीन झुंड इन दिनों दलमा के आसपास बसे गांव के लोगों के लिए दहशत का कारण बन गए हैं। हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के आसपास लगातार बढ़ती आबादी व घटते भोजन के कारण हाथी अक्सर गांवों का रुख करते हैं। इस कारण इन दिनों कई गांव के लोगों को रातों को जाग कर पहरेदारी करनी पड़ रही है। दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के आंकड़ों को देखें तो पिछले आठ दिनों में हाथियों ने 14 गांवों के आसपास आकर लोगों को दहशत में डाल दिया है। हालांकि वन विभाग द्वारा हाथियों को गांवों से दूर रखने के लिए पटाखों का वितरण लगातार किया जा रहा है, लेकिन हाथी भोजन के लिए गांव तक पहुंच ही जाते हैं। दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के रेंजर आरपी सिंह बताते हैं कि हाथियों के परंपरागत रास्ते में बदलाव होने के कारण ही हाथी भटक कर गांव की ओर चले जा रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक हाथियों की आहट आते ही गांव के लोग दहशत में आ जाते हैं, तुरंत टायर या टीना बजाकर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा जाता है।

 

14 गांवों में पहुंचे हाथी

दलमा के आसपास बसे गांव पुनसा, सुखलारा, बोंटा, कुमारी, कुंदरूकोचा, देवघर, बाटालुका, आमदा पहाड़ी, चिमटी, गेरुआ, रानी झरना, गोबरघुसी, पलासबनी तथा नूतनडीह में हाथियों का झुंड पहुंचा। यहां के लोगों को वन विभाग से पटाखे दिए गए, जिससे उन्होंने हाथियों को भगाया।

 

पटाखा लेने पहुंचे लोग

हाथियों के झुंड के गांवों में घुसने से भयभीत ग्रामीण ने दलमा कार्यालय से पटाखे लेने पहुंचे। जो लोग पटाखा लेने पहुंचे, उनमें रामचंद्र हांसदा (कुंदरूकोचा गांव), छोटूलाल हांसदा (देवघर), राजू मुर्मू (देवघर), गौतम मार्डी (वाटालुका), हराधन सिंह (आमदा पहाड़ी), गंगाराम सोरेन (देवघर), आकाश मिंज व मंगल बेसरा (पुनसा), शीला सिंह व रंजन सिंह (बोंटा), बाबूलाल सिंह (चिमटी), विशाल गोप (गेरुआ), शंभू हांसदा (गेरुआ), चैतन मुर्मू (रानी झरना), रामचंद्र हांसदा (कुंदरूकोचा), सनातन माझी गोबरघुसी, सोहन सिंह (पलासबनी), जितेंद्र कुमार सिंह (पलासबनी) आदि शामिल थे।

Posted By: Inextlive