छेड़छाड़ के विरोध पर मिली धमकी
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की घटना, आरोपी छात्र निष्कासित
एक माह के अन्तराल पर दूसरी घटना, कई दिनों से कर रहा था पीछा ALLAHABAD: 26 सितंबर को छेड़खानी की घटना के एक माह के अंतराल पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 26 अक्टूबर, दिन गुरुवार को एक बार फिर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया। मनचले की करतूतों से आजिज छात्राओं ने गुरुवार को प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सामने अपनी व्यथा रखी तो छात्राओं की शिकायत पर चीफ प्रॉक्टर ने आरोपी छात्र को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। आरोपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तलब किया गया है। आरोपी छात्र के खिलाफ कर्नलगंज थाने में तहरीर भी दी गई है। कैम्पस में बाइक से कर रहा था पीछाचीफ प्रॉक्टर प्रो। राम सेवक दुबे को दिए गए शिकायती पत्र में छात्राओं ने कहा है कि सुधाकर यादव पुत्र विजय बहादुर यादव विवि में एमए प्रथम वर्ष का छात्र है। वह आए दिन अपने दोस्तों के साथ मिलकर छात्राओं के साथ छेड़खानी करता है। छात्राओं ने बताया कि सुधाकर अपने दोस्तों के साथ पिछले कई दिनों से कैंपस में बाइक से पीछा कर रहा था। इस दौरान अश्लील कमेंट किए गए और हद तो तब हो गई जब हाथ पकड़ने की भी कोशिश की गई।
क्लास का दरवाजा ही बंद कर दिया
छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया है कि एफसीआई भवन में एलएलटी तृतीय में संचालित हो रही कक्षाओं के दौरान सुधाकर ने बाहर से दरवाजा ही बंद कर दिया। इससे क्लास में शिक्षक और छात्र-छात्राएं काफी देर तक फंसे रहे। छात्राओं ने कहा कि एफसीआई भवन में केवल स्नातक की कक्षाएं संचालित की जाती हैं। ऐसे में वहां आरोपी छात्र केवल छेड़छाड़ के इरादे से ही जाता है। यही नहीं गुरुवार को सुधाकर ने दोस्तों के साथ एक छात्रा का हाथ पकड़ने की कोशिश की। विरोध करने पर साथ चल रही छात्राओं को धमकी दी कि साथ दोगी तो चप्पल चप्पल मारेंगे। एक माह पहले भी हुई थी घटनाछात्राओं की शिकायत पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड की सदस्य व डिप्टी प्रॉक्टर प्रो। अर्चना चहल व डॉ। सरोज यादव ने छात्राओं का बयान दर्ज किया। चीफ प्रॉक्टर ने आरोपी छात्र को दो नवंबर को पैरेट्स के साथ प्रॉक्टोरियल बोर्ड के समक्ष अपराह्न चार से पांच बजे के बीच उपस्थित होने का आदेश दिया है। मालूम हो कि इससे पहले 26 सितम्बर को भी बीए द्वितीय वर्ष के छात्र सत्यम सूर्यवंशी ने प्राचीन इतिहास विभाग के पीछे बीए तृतीय वर्ष की छात्रा के साथ छेड़खानी की थी। सत्यम को शिकायत के बाद विवि से निष्कासित कर दिया गया था।