The 114-run victory over the West Indies which gave Australia a record sixth World Cup came on the back of a heroic performance by Perry.


ऐसा कम ही होता है कि एक नेशनल लेवल प्लेयर क्रिकेट में अपना बल्ला चमकाए, विकेट भी उखाड़े और फिर अपने देश के लिए वैसा ही कमाल फुटबॉल के मैदान पर भी दिखाए. इतना ही नहीं खेल से फुर्सत मिले तो रेडियो और टीवी पर शो होस्ट करे और साथ में इकनॉमिक्स और सोशलॉजी की पढ़ाई भी करे. जी हां, मिलिए आस्ट्रेलिया की मीडियम पेसर एलीस पेरी से. आस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज को हराकर छठी बार वुमेन क्रिकेट वल्र्ड कप जीता तो पूरे टूर्नामेंट में पेरी का ही बोलबाला रहा. फाइनल में उन्होंने 10 ओवर्स में सिर्फ 19 रन देकर तीन विकेट झटके और तेज 22 रन भी बनाए. पेरी ने कहा, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि क्रिकेट और फुटबॉल दोनों ने ही मुझे कबूल किया और मैं अपनी खास जगह बनाने में कामयाब रही.सबसे कम उम्र की क्रिकेटर
लंबे कद की 22 साल की पेरी वुमेन क्रिकेट में सनसनी के तौर पर उभरी हैं. पेरी ने सिर्फ 16 साल की उम्र में आस्ट्रेलिया के लिए बतौर क्रिकेटर अपना करियर शुरू किया. वो ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर बन गई. इसके एक महीने बाद ही वो आस्ट्रेलिया की फुटबॉल टीम में जगह बनाने में भी सफल हो गईं. पेरी ने 2011 के वल्र्ड कप फुटबॉल में भी आस्ट्रेलिया को रिप्रजेंट किया और टीम को क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाने में अहम रोल निभाया. वो एशेज जीतने वाली और दो बार वल्र्ड कप टी-20 जीत चुकी आस्ट्रेलियन टीम का हिस्सा रह चुकी हैं. खुद पेरी को भी 'ब्रांड पेरीÓ होने की जिम्मेदारी का अहसास है. वो कहती हैं, 'मैं अपने देश में लड़कियों को खेलने के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए भी इंस्पायर करना चाहती हूं.

Posted By: Garima Shukla