एग्जाम से पहले 'ब्लैकमेलिंग गेम'
-एनुअल एग्जाम का टाइम करीब देख विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने में जुटा कर्मचारी संघ
फैक्ट फाइल 08 मार्च से होने हैं एयू में एनुअल एग्जाम 11 मई तक चलेंगे यह अंडग्रेजुएट एग्जाम 50 हजार के आसपास है परीक्षार्थियों की संख्या 02 पालियों में प्रतिदिन करवाया जाएगा आयोजन एयू के सिरदर्द घटना 01 इविवि में हॉस्टल आवंटन व पजेशन को लेकर छात्रों ने कई दिनों तक हंगामा किया। इसके बाद विवि ने हॉस्टल में काबिज दबंगों के खिलाफ एफआईआर का निर्णय लिया। कई अन्त:वासियों के खिलाफ लगातार एफआईआर दर्ज करवाई गई। घटना 02 कुलपति के खिलाफ मंत्रालय की जांच को लेकर कई दिनों तक शिक्षकों में आक्रोश रहा। शिक्षकों ने लगातार सभा करके कुलपति का समर्थन किया। मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के विरोध में शिक्षक सड़क पर भी उतरे और अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी। घटना 03विवि के छात्र रजनीकांत यादव ने हॉस्टल न मिलने से नाराज होकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में आत्महत्या के पीछे हॉस्टल के ही सुपरिटेंडेंट डॉ। हौसिला सिंह को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद छात्रों का आक्रोश भड़क उठा।
घटना 04विवि में छात्रसंघ उद्घाटन समारोह को लेकर छात्रसंघ पदाधिकारी और छात्र आमने-सामने आ गए। विवि व जिला प्रशासन ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के आगमन पर रोक लगा दी। इसके बाद बीते मंगलवार को सपाइयों पर जमकर लाठियां बरसी।
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इन दिनों 'ब्लैकमेलिंग गेम' जोरों पर चल रहा है। एनुअल एग्जाम सिर पर हैं और मौका देख यूनिवर्सिटी के इंप्लाइज ने आंदोलन का अल्टीमेटम दे डाला है। इन इंप्लाइज की मंशा है कि हो सकता है एग्जाम समय पर और सही ढंग से कराने की गरज में विवि प्रशासन उनकी मांगें मान ले। वहीं हॉस्टल में छात्र के सुसाइड और दूसरे मामलों को लेकर पहले ही उलझे एयू प्रशासन के लिए यह एक बड़ा चैलेंज है। 21 फरवरी तक अल्टीमेटम इविवि के मिनिस्टीरियल एंड टेक्निकल स्टाफ यूनियन ने विवि प्रशासन को चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि 21 फरवरी को आमसभा कर आन्दोलन का ऐलान किया जा सकता है। आरोप है कि 19 दिसम्बर 2018 के निर्णयानुसार यूनियन द्वारा की ओर से कुलसचिव को कर्मचारियों की मांग प्रेषित की गई। अभी तक इसमें से एक पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आर-पार की चेतावनीकर्मचारियों के अनुसार यदि अब भी कुलपति ने कर्मचारियों से वार्ता नहीं की तो वे आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे। संघ के अध्यक्ष संजय तिवारी, महामंत्री सुशील कुमार यादव, राम सिंह, अरविन्द पांडेय, सुरेश चन्द्र ओझा, कानन दास गुप्ता, अजीत श्रीवास्तव, मनमोहन, केके द्विवेदी, अनिल कुमार सिंह आदि ने आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है।
---- यह है मांग -मृतक आश्रितों की नियुक्ति -पद रिक्तता के बावजूद पदोन्नति पर उदासीनता - एमएसीपीएस पर कार्यालय आदेश निर्गमन के पश्चात वषरें से वेतन निर्धारण न किया जाना - ग्रीवांसेस के निस्तारण की कोई व्यवस्था न होना