PATNA : मुजफ्फरपुर और गया के बाद अब पीएमसीएच में इंसेफलाइटिस का कहर शुरू हो गया है. पिछले 15 दिनों में यहां 80 बच्चों को एडमिट करवाया गया है जिनमें से 34 की मौत हो गयी है. गुरुवार को भी चार बच्चों की मौत हो गई.


पीएमसीएच एडमिनिस्ट्रेशन कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है। हालांकि एचओडी डॉ। संजाता राय चौधरी ने बताया कि 34 डेथ्स के बाद भी कुछ अगर पॉजिटिव है, तो वो ये कि इनमें से कोई भी केस जैपनीज इंसेफलाइटिस का नहीं है। पर, बीमारी कौन-सी है इसकी जानकारी एचओडी को भी नहीं है। खैर, पीएमसीएच इन दिनों बच्चों के लिए कब्रगाह बना हुआ है। सीनियर से लेकर जूनियर डॉक्टर्स तक इलाज के नाम पर सिर्फ एंटीबायोटिक इंजेक्शन दे रहे हैं। जेनरल वार्ड में रखे इन बच्चों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। जबकि इंसेफलाइटिस पेशेंट्स के लिए एक अलग वार्ड होता है। पर, पीएमसीएच में कोई विशेष व्यवस्था नहीं है।

मुजफ्फरपुर की हालत खराब
मुजफ्फरपुर में 24 मई से मासूमों पर जो कहर बरपना शुरू हुआ है, उसमें मृतकों की संख्या चालीस के पार पहुंच चुकी है। यहां के केजरीवाल अस्पताल में जहां 33 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं एसकेएमसीएच में इंसेफलाइटिस के कहर से दस से अधिक जानें गई हैं। इधर गया के मगध मेडिकल कॉलेज में भी बच्चों की स्थिति ठीक नहीं है। यहां भी बच्चे मौत की गिरफ्त में आ रहे हैं। जानकारी हो कि इस बीमारी के फैलने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमरजीत सिन्हा से लेकर तमाम बड़े ऑफिसर्स इन हॉस्पीटल्स का दौरा कर चुके हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है।

जैपनीज इंजेक्शन फेल
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इन इलाकों में जैपनीज इंसेफलाइटिस का इंजेक्शन दिए जाने के बाद भी यहां इसका कहर शांत क्यों नहीं हो रहा। जबकि जैपनीज का इंजेक्शन सेंट्रल लेवल पर खरीदा जाता है और फिर स्टेट में भेजा जाता है। सो इस इंजेक्शन पर भी कई सवाल खड़े होते हैं.

केजरीवाल अस्पताल में हुई मौत : विकास, सलीना, गुडिय़ा, साक्षी, गुरी खातून, संजना, रोशन, सूरज, यशनीन, कोमल, अभिषेक, आफताब, चंदन, जेबा खातून, मुन्नी कुमारी, नंदन, राधिका कुमारी, सद्दाम और नीतेश.
एसकेएमसीएच में हुई मौत : लक्की कुमारी, रुचि कुमारी, सोनू कुमार, मधु कुमार, गोलू कुमार.
पीएचसी में या पीएचसी लाने के दौरान हुई मौत : सावित्री कुमारी, राकेश कुमार, टिकेश्वर कुमार, राकेश और प्रिया।

Posted By: Inextlive